भिलाई(ईन्यूज एमपी)-मुख्यमंत्री खाद्यान्ना योजना के तहत गरीबों को रियायती दर पर मिलने वाले राशन को बाहर बाजार में बेचकर हेराफेरी करने वाले एक कोटेदार के खिलाफ पुलिस ने अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है। आरोपी ने करीब दो लाख 41 हजार रुपये के खाद्यान्ना की हेराफेरी की है। कोटेदार की मनमानी से परेशान ग्रामीणों ने लोक सुराज अभियान में आवेदन देकर दूसरे सेल्समैन की मांग की गई थी। सहायक खाद्य अधिकारी ने दुकान की जांच की, जिसमें 11 सौ गरीबों के राशन में हेराफेरी का मामला पकड़ा। इसके बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम मगरगटा के शासकीय उचित मूल्य की दुकान के सेल्समैन फनी चंद्राकर के खिलाफ ग्रामीणों ने लोक सुराज अभियान 2018 में शिकायत की थी। नियमित रूप से राशन न मिलने से परेशान होकर ग्रामीणों ने शिकायत की थी। शिकायत पर 26 फरवरी 2018 को एसडीएम पाटन ने जिला खाद्य अधिकारी को शिकायत की जांच के लिए शिकायत की कॉपी भेजी। इस पर सहायक खाद्य अधिकारी जन्म जय नायक ने 15 मार्च 2018 को दुकान की जांच की। जांच के समय दुकान के स्टॉक रजिस्टर में 148.35 क्विंटल चावल, 5.64 क्विंटल शक्कर, 5.88 क्विंटल नमक, दो क्विंटल गेहूं और 152 लीटर कैरोसिन होने की जानकारी थी, लेकिन भौतिक सत्यापन में खाद्यान्ना कम पाया गया। जितना खाद्यान्ना कम पाया गया, उसे लगभग 11 सौ हितग्राहियों को राशन का आवंटन होता। सहायक खाद्य अधिकारी ने दुकान संचालक फनी चंद्राकर से पूछताछ की, लेकिन उसने भी कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद खाद्य विभाग ने दुकान संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दुकान को निलंबित कर दिया गया और उसे ग्राम भोथली के राशन दुकान में अटैच कर दिया गया। खाद्य विभाग की नोटिस का आरोपी फनी चंद्राकर ने कोई जवाब नहीं दिया और न ही अटैच की गई दुकान में टैबलेट और बचा हुआ खाद्यान्ना पहुंचाया। इस पर सहायक खाद्य अधिकारी जन्मजय नायक ने अमलेश्वर थाने में रिपोर्ट की। शिकायत पर पुलिस ने आरोपी फनी चंद्राकर के खिलाफ धारा 406 (अमानत में खयानत) का मामला दर्ज किया है। जांच में इतना राशन मिला था कम सहायक खाद्य अधिकारी न जब दुकान की जांच की थी, तब स्टॉक रजिस्टर में 148.35 क्विंटल चावल, 5.88 क्विंटल नमक, 152 लीटर कैरोसीन होने की बात लिखी थी। भौतिक सत्पायन में 77.35 क्विंटल चावल, 3.54 क्विंटल शक्कर, 3.55 क्विंटल नमक, 152 लीटर कैरोसीन कम मिला था। खाद्यान्ना की कुल कीमत दो लाख 41 हजार 54 रुपये आंकी गई थी। सहायक खाद्य अधिकारी ने पहले छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण (आदेश) 2016 की कंडिका 11(5), 11(6), 13(1), 16(7) कंडिका 15 का उल्लंघन पाते हुए नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब न मिलने पर थाने में अपराध दर्ज कराया गया।