अनुपपुर : जल का दुरूपयोग करने अथवा बिना अनुमति के सिंचाई करने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सिंचाई जलाशयों में उपलब्ध जल का उपयोग तभी किया जाएगा, जब वहां रबी फसल की सुनिश्चितता हो। साथ ही सिंचाई जलाशयों में पशुओं एवं निस्तार हेतु जल संरक्षित रखा जाएगा। उक्ताशय के निर्देश कलेक्टर श्री एन.एस. परमार ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिले के विभिन्न जलाशयों में उपलब्ध जल तथा उसके उपयोग के संबंध में आयोजित जल उपभोक्ता समितियों की बैठक के दौरान अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में विधायक अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र श्री रामलाल रौतेल, विधायक कोतमा विधानसभा क्षेत्र श्री मनोज अग्रवाल, उप संचालक कृषि श्री आर.एस. शर्मा, कार्य. यंत्री जल संसाधन श्री सी.एम. शुक्ला सहित जल उपभोक्ता समितियों के अध्यक्ष, उपयंत्री तथा मानचित्रकार श्री निगम उपस्थित थे। कलेक्टर श्री परमार ने कहा कि सूखे के कारण किसानों के लिए परेशानी की घड़ी है। इस परेशानी का सामना पूरी मुश्तैदी के साथ हम सबको मिलकर करना है तथा अन्नदाता किसान के हित में सभी निर्णय लिए जाने हैं। आपने जिला अंतर्गत सिंचाई जलाशयवार उपलब्ध जल के आंकलन की समीक्षा करते हुए पानी की उपलब्धता के आधार पर किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिस पर जल उपभोक्ता समितियों के अध्यक्षों द्वारा सहमति व्यक्त की गई। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया कि वे सिंचाई जलाशयों में सिंचाई हेतु उपलब्ध पानी के आधार पर किसानों को कम पानी वाली फसलों की बुवाई हेतु प्रेरित करें तथा उन्हें कम सिंचाई पर उपज देने वाले बीज उपलब्ध कराएं। आपने कार्य. यंत्री जल संसाधन को निर्देशित किया कि वे जिन किसानों के खेतों तक पानी आसानी से पहुंच सकता है तथा वे खेती के लिए सक्षम हैं, उनकी सूची तैयार कराकर उप संचालक कृषि को दें। जिससे उन कृषकों का प्रशिक्षण कराया जा सके। साथ ही यथाशीघ्र टूटी-फूटी नहरों की मरम्मत शीघ्र करा ली जाय। जिससे पानी का दुरूपयोग नहीं हो। इस अवसर पर आपने जल उपभोक्ता समितियों के पदाधिकारियों से जलाशयों एवं नहरों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि तथा जल संसाधन विभाग के मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया कि रबी फसल के दौरान जिन किसानों द्वारा फसल बोई जाय, उन किसानों के फसल बीमा अवश्य कराया जाय। यह कार्यवाही 15 दिसम्बर के पूर्व करा ली जाय। फसल बीमा फार्म जल उपभोक्ता समितियों के पास उपलब्ध रहेंगे। जिनके भराने एवं संकलन की कार्यवाही संबंधित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा संपन्न कराई जाएगी। विधायक श्री रौतेल ने कहा कि अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न सूखे की स्थिति में जिले के सिंचाई जलाशयों में संग्रहीत जल के बूंद-बूंद का उपयोग सुनिश्चित किया जाय। आपने लतार जलाशय से लतार ग्राम के किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ दिलाने हेतु नहर प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। विधायक श्री रौतेल ने कहा कि मायनर नहरों का निर्माण मनरेगा से प्रस्तावित कर जल संसाधन विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में पूर्ण कराया जाय। बैठक में विधायक श्री मनोज अग्रवाल ने कहा कि सूखे के दौरान किसानों को खेती हेतु पानी उपलब्ध कराना मानवता की सेवा है। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाय। आपने कठना डायवर्सन की डिसिल्टिंग कर उपयोगी बनाने, राजाकछार जलाशय तथा लहसुई गांव में केवई नदी पर उद्वहन सिंचाई योजना पुनः प्रारंभ कराने की बात कही। बैठक में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन द्वारा जिले के विभिन्न जलाशयों में उपलब्ध पानी की मात्रा तथा सिंचाई हेतु उपयोग एवं प्रस्तावित रकबे की जानकारी दी गई। उप संचालक कृषि श्री शर्मा ने कहा कि जिन जलाशयों में पानी उपलब्ध है। उन क्षेत्रों में कृषि एवं जल संसाधन विभाग के मैदानी अधिकारी किसानवार सर्वेक्षण कर कम पानी में पकने वाली फसलों हेतु किसानों को प्रेरित करेंगे तथा आवश्यक सुविधाएं एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराएंगे। आपने कहा कि जिन क्षेत्रों में फसल बोई जाएगी, वहां के किसानों के माध्यम से रबी फसल का बीमा कराया जाएगा। जिससे अपरिहार्य परिस्थितियों में किसानों के नुकसान की भरपाई की जा सके। बैठक में कल्याणपुर जल उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष ने ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा जबरन पम्प लगाकर सिंचाई करने की शिकायत की गई। जिस पर कलेक्टर ने कार्यवाही करने की बात कही।