दिल्ली (ईन्यूज एमपी)-दिल्ली पुलिस ने महंगी कारें चुराने वाले बेहद हाईटेक तरीके से चोरी करने वाले एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने हिरासत में लिए गए शातिर चोरों के पास से फॉर्च्यूनर, इनोवा और क्रेटा जैसी बेहद महंगी 28 गाड़ियां बरामद की हैं. पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह के बदमाश राजधानी दिल्ली से इन महंगी गाड़ियों को चुराते थे और पूर्वोत्तर के राज्यों में ले जाकर बेच देते थे. पुलिस के मुताबिक, यह अब तक चोरी गई गाड़ियों की सबसे बड़ी रिकवरी है. पुलिस के मुताबिक, जब्त की गई गाड़ियों की कुल कीमत एक करोड़ रुपये के करीब है. क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि गिरफ्तार चोरों में शामिल नरेंद्र अपने साथियों के साथ मेरठ कैंट रोड पर एक स्कॉर्पियो कार में बैठा है, जिस पर फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी. जांच में इनके पास से एक और चोरी की गई कार बरामद हुई. पूछताछ में पता चला कि नरेंद्र ने एक कार खरीदी थी जिनके पेपर्स और नम्बर को वह चोरी की गाड़ियों में इस्तेमाल करता था पुलिस ने बताया कि इस शातिर गिरोह के बदमाश सबसे पहले हथौड़ी से गाड़ी का शीशा तोड़ देते थे. उसके बाद एक चुंबक के जरिए स्टेरिंग लॉक को फ्री कर देते थे और उसमें कोई चाबी डालकर ECM डिवाइस की मदद से डिकोड कर गाड़ी को स्टार्ट कर लेते थे. इसके बाद ये इस नई गाड़ी के पेपर्स को पुरानी गाड़ी में बदल दिया करते थे, यानी अब चोरी की गई गाड़ी का चेसिस नंबर, इंजन नंबर सब स्क्रेप की गाड़ी से बदल दिया करते थे ताकि गाड़ी की पहचान न हो पाए. उनके पास से चोरी करने के लिए टूल्स जैसे लॉक सेट, ईसीएम, कोड स्कैनर डिवाइस, ड्रिल मशीन, वायर कटर, हैमर, मैग्नेट और भी कई इंस्ट्रूमेंट्स बरामद किए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, यह गिरोह इतनी तादाद में गाड़ियों की चोरी करता था कि कंटेनर में लोड कर उन्हें बेचने के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों को ले जाया जाता था. पुलिस के मिली जानकारी के मुताबिक, यह गिरोह दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों के पेपर का इस्तेमाल कर चोरी की गाड़ियां बेच दिया करता था. पुलिस ने गिरोह के सबसे खतरनाक चोर सोनू को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. सोनू नाम का बदमाश बेहद शातिर यह चोर अब तक 100 से ज्यादा गाड़ियां चुरा चुका है. सोनू पानीपत और करनाल में मारुति के ऑफिशियल ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर में मकैनिक था. उसे मारुती की किसी भी गाड़ी को आसानी से खोलना आता है. लिहाजा इसने मकैनिक का काम छोड़ कुछ लोगो के साथ मिलकर गाड़ियों को चुराना शुरू कर दिया. सोनू जहां चोरी करने वाली गाड़ी को खोलने का काम करता था, वहीं लाल बहादुर उससे चोरी की गई गाड़ियां खरीद लेता था. फिर नरेंद्र सिंह, सारिक और विजय दहिया चोरी की गाड़ियों को रिसीव कर नागालैंड ले जाते थे. इससे पहले भी अक्टूबर में करीब 50 चोरी की गई गाड़िया बरामद की जा चुकी हैं. पुलिस को भरोसा है कि गिरफ्तार चोरों से पूछताछ के जरिए आने वाले दिनों में कई गंभीर चोरी की वारदातों का खुलासा हो सकता है.