भोपाल(ई न्यूज एमपी) जबलपुर के ज्ञानगंगा इंस्टीट्यूट में 11 दिसंबर को सुबह की पाली में एक युवती परीक्षा देने पहुंची, लेकिन फिंगरप्रिंट वेरीफाई नहीं होने के कारण उसे परीक्षा से वंचित कर दिया गया। छात्रा ने परीक्षा केंद्र पर दलील भी दी कि कुछ दिन पहले कुकर की भाप हाथों पर लग जाने से उसकी खाल जल गई थी, नई खाल आ रही है, इस कारण फिंगरप्रिंट उभर नहीं रहे हैं, ऐसे में फिंगरप्रिंट के अलावा किसी और माध्यम से उसका सत्यापन कर परीक्षा दिलाई जाए, लेकिन उसे बिना परीक्षा दिए ही लौटना पड़ा।
- राजधानी के अयोध्या नगर एक्सटेंशन कॉलोनी में रहने वाले 29 साल के अशोक कुमार यादव को सर्दियां में हथेली और उंगलियों की त्वचा उखड़ने की परेशानी होती है, लेकिन प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की परीक्षाओं में बायोमीट्रिक फिंगरप्रिंट वेरिफिकेशन ने ऐसे तमाम उम्मीदवारों को मौजूदा पटवारी परीक्षा से बाहर कर दिया है, जिन्हें मौसम बदलने पर हथेली की खाल उखड़ने की एलर्जी है। विद्यार्थियों ने पीईबी से मांग की है कि बायोमीट्रिक सत्यापन फिंगरप्रिंट के बजाए किसी और पद्धति से कर परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए।
हाथों में एलर्जी... फिंगरप्रिंट रीड ही नहीं कर रही बायोमीट्रिक मशीन
- बैरसिया रोड स्थित जयनारायण कॉलेज में 13 दिसंबर को पटवारी परीक्षा देने पहुंचे अयोध्यान नगर एक्सेंटशन निवासी अशोक कुमार यादव के तीन बार फिंगरप्रिंट लिए गए। दो बार फिंगरप्रिंट वेरिफाई हो गए, लेकिन तीसरी बार मशीन ने फिंगरप्रिंट रीड ही नहीं किए। अशोक की ऊंगलियों में एलर्जी के कारण खाल उखड़ी हुई है।
- इससे पहले अशोक वनरक्षक, कांस्टेबल, एसआई, जेई की परीक्षाएं दे चुके हैं, लेकिन इनमें से किसी में भी फिंगरप्रिंट सत्यापन की दिक्कत नहीं आई। अशोक ने पीईबी पहुंचकर अपने दोनों हाथ अफसरों को दिखाए और आंखों की पुतली (आईरिश) स्कैन कर बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के जरिए एग्जाम में एंट्री देने की मांग की है।
- सिंगरौली जिले के परसौना निवासी नीरज कुमार जायसवाल 11 दिसंबर को सुबह की पाली में परीक्षा देने को जबलपुर के ज्ञानगंगा इंस्टीट्यूट पहुंचे, लेकिन फिंगरप्रिंट मैच नहीं होने के कारण उन्हें परीक्षा हॉल के बाहर से ही लौटा दिया गया। गुरुवार को पीईबी में इसकी शिकायत करने आए नीरज अपने हाथ दिखाते हुए कहते हैं कि एलर्जी के कारण पिछले सप्ताह उनकी हथेलियों की खाल उखड़ी थी, जो धीरे-धीरे बदलकर नई आ रही है।
- नीरज का कहना है कि इससे पहले वे पीईबी की जेई और लेबर इंस्पेक्टर की परीक्षा दे चुके हैं, तब भी आधार सत्यापन हुआ था, लेकिन कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्हें परीक्षा में शामिल होने का फिर से मौका दिया जाए। नीरज ने 14 दिंसबर को पीईबी परीक्षा नियंत्रक से मिलकर शिकायत दर्ज कराई है।
हाथों की त्वचा उखड़ी होने के कारण बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन में असफल रहे परीक्षा से वंचित 20 उम्मीदवारों ने किसी और माध्यम से सत्यापन कर परीक्षा में शामिल करने का आवेदन दिया है। मेडिकल ग्राउंड पर इन्हें दोबारा परीक्षा में मौका देने निर्णय लिया गया है। इनका बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन आईरिश स्कैन के जरिए कराया जाएगा।
- आलोक वर्मा, जनसंपर्क अधिकारी, पीईबी
गलत लोगों की एंट्री रोकने के लिए आधार के जरिए बायोमैट्रिक अॉथेटिंकेशन किया जाना 100 फीसदी जरूरी और अनिवार्य है। इसमें कोई मुरब्बत नहीं बरती जा सकती है।
- एकेएस भदौरिया, परीक्षा नियंत्रक, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड
फिंगरप्रिंट कभी नहीं बदलते
मौसम बदलने पर त्वचा का उखड़ना एक प्रकार का चर्म रोग है, जिसे सोरायसिस कहते हैं। काफी हद तक यह अनुवांशिक होता है और शरीर में कहीं भी हो सकता है। कभी-कभी किसी-किसी को यह अचानक भी हो जाता है। यदि यह हथेली में है तो इससे सिर्फ उसी वक्त फिंगरप्रिंट अस्पष्ट होंगे, ठीक होते ही फिर से सामान्य हो जाते हैं। एक बात स्पष्ट है कि फिंगरप्रिंट कभी बदलते नहीं हैं। यदि त्वचा उखड़ गई है या कट लग गया है तो दोबारा जब त्वचा आएगी, फिंगरप्रिंट का पैटर्न वही रहेगा।
- डॉ. अनुराग तिवारी, त्वचा रोग विशेषज्ञ