ग्वालियर(ई न्यूज एमपी)-चार दिन पहले एक बच्चे के किडनैप करने का राज खुल गया है। बच्चे का किडनैप उसके ही पिता ने किया था और वह अपने ही पिता और बच्चे के नाना से फिरौती की रकम वसूलना चाहता था। यह रकम उसे लाखों का कर्जा उतारने के लिए चाहिए थी, लेकिन पुलिस ने जांच के आधार पर पूरा राज खोल दिया। यह है मामला..... -9 दिसंबर की दोपहर को फोर्ट के उरवाई गेट के पास रहने वाले कमल सिंह किरार का ढाई साल का बेटा शिवांश अचानक गायब हो गया। शाम के समय शिवांश के दादा दिनेश राजपूत के पास फोन आया। -इस फोन में बताया गया कि उनका पोता शिवांश बदमाशों के कब्जे में है और पुलिस को बताया कि बच्चे की लाश मिलेगी। बदमाशों ने कुछ देर फोन करने की बात कही। -इस बीच बच्चे के पिता कमल सिंह पुलिस के पास पहुंच चुके थे और पुलिस ने शिवांश की तलाश करना शुरू कर दी। बच्चे की खोज चल ही रही थी कि अचानकर बच्चा महाराज बाड़े के पोस्ट ऑफिस की सीढ़ियों पर बैठा मिल गया। -पुलिस ने तुरंत कमल सिंह को शिवांश के मिलने की जानकारी दी। बच्चे को सुरक्षित देखकर परिजन खुश हो गए और पुलिस ने भी चैन की सांस ली। -इसके बाद पुलिस उस फोन करने वाले व्यक्ति की तलाश में लग गई, जिसने शिवांश के दादा दिनेश राजपूत को फोन किया था। उस समय तो फोन बंद जा रहा था। फोन से खुला किडनैप का राज -मंगलवार की शाम को फोन फिर से चालू हो गया। पुलिस इससे फोन करने वाले की लोकेशन निकाल ली और उसे पकड़ लिया। यह व्यक्ति राम मराठा था। राम मराठा ने किडनैप की पूरी कहानी पुलिस को बता दी। -राम मराठा ने पुलिस को बताया कि शिवांश की किडनैप की योजना उसके ही पिता कमल सिंह ने बनाई थी। कमल सिंह के ऊपर 4 लाख रुपए का कर्जा था, जिसे पटाने के लिए उसने अपने ही पिता और शिवांश के दादा से फिरौती लेने की कोशिश की। ऐसे बनाई किडनैप की योजना -कमल सिंह योजना के मुताबिक घर से शिवांश को लिया और इधर-उधर घुमाकर महाराज बाड़े पर छोड़ दिया। पुलिस को कमल पर शक घटना वाले दिन हो गया था, क्योंकि बच्चा किसी अजनबी के साथ रहा और रोया तक नहीं। -जब शिवांश मिल गया तो उस समय पिता कमल सिंह ने यही कहा कि बच्चा खुश है और उसे किडनैपर्स ने परेशान नहीं किया है। अब पुलिस ने कमल सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है। सावधान इंडिया देखकर आया आइडिया -अपहरण का आइडिया 1 महीने पहले क्राइम स्टोरी सीरियल सावधान इंडिया देखकर आया था। 15 दिन पहले अपहरण का प्लान बनाया और 9 दिसंबर को मौका मिलते ही वारदात को अंजाम दे दिया। -कमल मैच पर सट्टा लगाता था, इसमें वह पिछले दिनों लगभग 3 लाख रुपए हार गया था। सटाेरियों का दबाव था कि वह हारा हुआ रुपया वापस करे। -इसको लेकर वह तनाव में था और इसी तनाव के चलते उसने अपने ही बेटे के अपहरण का प्लान बना लिया लेकिन जब लगा कि पुलिस के घेरे में फंस सकते हैं तो बच्चे को लावारिस छोड़कर यह भाग गए।