सीधी (ईन्यूज़ एमपी): 9 साल से लापता एक किशोरी को सीधी कोतवाली पुलिस ने खोज निकाला है। यह मामला न सिर्फ पुलिस की सतर्कता का उदाहरण है बल्कि परिजनों की उम्मीद और इंसानियत की जीत भी है। 2016 में गायब हुई लड़की को 2025 में दस्तयाब कर सकुशल उसके परिजनों को सौंप दिया गया, जिससे भावुक परिजन फूट-फूटकर रो पड़े और पुलिस का आभार जताया। कैसे गायब हुई थी किशोरी? 7 मई 2016 को एक ग्रामीण परिवार ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी बड़ी बेटी घर से अचानक लापता हो गई। परिजन सुबह जंगल गए थे और शाम को लौटने पर बेटी घर पर नहीं मिली। उन्होंने रिश्तेदारी और आसपास खूब खोजबीन की, लेकिन कोई पता नहीं चला। 9 साल की तलाश और 10 हजार का ईनाम: वर्षों तक किशोरी का कोई सुराग नहीं मिला। अंततः पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा अपहृता की सूचना देने पर ₹10,000 का ईनाम घोषित किया गया। पुलिस टीम ने कभी हार नहीं मानी। तकनीकी विश्लेषण और पारंपरिक जांच के मिश्रण से खोज जारी रही। पुलिस की मेहनत लाई रंग: 26 जून 2025 को यह लंबा इंतजार खत्म हुआ। पुलिस को सफलता मिली और किशोरी को दस्तयाब कर वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया। किशोरी को पाकर मां-बाप की आंखें नम हो गईं, लेकिन चेहरों पर मुस्कान लौट आई। इस संपूर्ण दस्तयाबी में उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय गायत्री तिवारी, थाना प्रभारी कोतवाली निरी0 कन्हैया सिंह बघेल, उपनिरीक्षक विवेक द्विवेदी, उपनिरीक्षक राजमणि अहिरवार, प्रधान आरक्षक दलपत सिंह, महिला आरक्षक प्रिया तिवारी एवं चालक प्रधान आरक्षक जीतेंद्र बागरी की उल्लेखनीय भूमिका रही।