उज्जैन(ईन्यूज़ एमपी)- उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में हो रहे क्षरण को रोकने के लिए किए गए बदलावों का पालन कराने में मंदिर प्रबंध समिति को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है| आरओ जल से अभिषेक, भस्मारती के दौरान शिवलिंग पर सूती कपड़ा ढंकने जैसे नियमों को लागू तो कर दिया गया है, किंतु इन नए नियमों को लेकर विवाद भी हो रहे हैं। बता दें कि ज्योतिर्लिंग क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इस पर कोर्ट ने विशेषज्ञों का दल गठित कर क्षरण की जांच कराई। एक्सपर्ट कमेटी ने इसके लिए कुछ उपाय सुझाए थे| 27 अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद मंदिर प्रबंध समिति ने क्षरण रोकने के लिए किए जा रहे उपायों को कोर्ट के निर्देश के रूप में प्रचारित किया। इसके लिए सूचना बोर्ड भी लगाए गए, मगर 30 नवंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस पर आपत्ति ली और स्पष्ट किया कि पूजन-पद्धति को लेकर कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। हमने केवल सुझाव पर सहमति दी है, कोई आदेश नहीं। कोर्ट की आपत्ति के बाद ताबड़तोड़ बोर्ड हटाए गए। इसके बाद से ही प्रबंध समिति को नए निर्देशों का पालन कराने में खासी मशक्कत करना पड़ रही है।