भिण्ड (ई न्यूज़ एमपी ) जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड भारत सिंह औहरिया ने कहा है कि प्रकरणों के निराकरण के लिए लोक अदालत एक अच्छा माध्यम है। जिसके अन्तर्गत सुलभ और समझौता के आधार पर अधिक से अधिक प्रकरण निराकृत होते है। वही आज मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर जिला न्यायालय परिसर स्थित एडीआर भवन के सभागार में नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक प्रशान्त खरे, बार एशोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र चौधरी, विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार गुप्ता, अपर सत्र न्यायाधीश उमेश पाण्डव, एडीजे कुलदीप जैन, धनराज दुबेला, जिला रजिस्ट्रार संकर्षण पाण्डेय, मो. शकील खांन, प्रधान न्यायाधीश कुटुम न्यायालय संजीव अग्रवाल, न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार बांदिल, ज्ञानेन्द्र शुक्ला, शरद जयशवाल,. रेणु खान, वरिष्ठ अधिवक्ता जयश्रीराम बघेल, सीएसपी बीएस तोमर, महाप्रबंधक कॉपरेटिव बैंक पीके राठौर, जिला विधिक सहायता अधिकारी संजय जैन, अभिभाषकगण, विभागीय अधिकारी, न्यायालयीन कर्मचारीगण उपस्थित थे। जिला न्यायाधीश भारत सिंह औहरिया ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से निराकृत होने वाले प्रकरण में विवाद समाप्त होता है। साथ ही सकारात्मक सोच के साथ अन्तर आत्मा से सुलह एवं समझौते का अवसर मिलता है। इसीप्रकार न्यायालयीन प्रकरणों में जमीन संबंधी विवादो की दिशा में दोनो पक्षों को समझाने में आसानी होती है। उन्होंने कहा कि आयोजित की जा रही नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठो के माध्यम से आपसी सुलह और समझौता के आधार पर कई प्रकार के प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता जयश्रीराम बघेल ने कहा कि आपसी और सुलह समझौता के आधार पर अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में पारित आदेश की अपील नहीं होती है। साथ ही भाई चारे के साथ सभी प्रकार के प्रकरणों को निराकृत करने का अवसर मिलता है। नेशनल लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के प्रकरणों का निराकरण नेशनल लोक अदालत में आपराधिक, दीवानी, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, प्रिलिटिगेशन, निगोशिएबल इंस्ट्रूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चैक बाउन्स प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय, ग्राम न्यायालय, राजस्व न्यायालय, उपभोक्ता फोरम, प्लीबारगेनिंग, विड्रावल क्रिमीनल केसेस (एफ.आर), सहकारिता प्रकरण, क्रिमिनल समरी, विद्युत चौरी के प्रकरण, लीगल सर्विसेस मैटर्स एवं शिक्षा, स्वास्थ्य, वन तथा अन्य शासकीय विभागों के प्रकरणों का निराकरण करने की पहल की गई। इसीप्रकार विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 एवं 126 के अन्तर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में निम्न दाव श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलो वाट भार तक के गैर घरेलू 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं के प्रकरणों में छूट प्रदाय की गई। नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह और समझौता के आधार पर सम्पत्तिकर अधिभार की राशि जलकर के प्रकरणों का भी निराकरण करने की पहल की गई है। साथ ही सम्पत्तिकर अधिभार और जल उपभोक्ता प्रभार में छूट प्रदान करने के प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत के अन्तर्गत जिला मुख्यालय के न्यायालयों के अलावा न्यायिक तहसील मेंहगाव, गोहद, लहार तथा भिण्ड जिले के प्रत्येक राजस्व एवं जिला एवं जनपद पंचायत स्तर तक के प्रकरणों का निराकरण किया गया।