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बसपा प्रदेश महासचिव पद से विनोद वर्मा का इस्तीफा...

सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- प्रदेश में वसपा का नेतृत्व करने वाले नेता चुनाव के समय भाजपा के हाथों विकते आ रहे हैं, म०प्र० में अब वसपा को चलाने वाले लोग पार्टी के रीति नीति के बजाय अपने स्वार्थ तक सिमट कर रह गये हैं इन्ही कारणों के चलते मेरे द्वारा वसपा से त्याग पत्र दिया गया है उक्त बातें बसपा प्रदेश महासचिव पद का दायित्व सम्हालने वाले एडवोकेट विनोद वर्मा ने आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं है। उन्होने कहा कि वसपा प्रमुख वहन मायावती के विचारों से प्रेरित होकर करीब तक पार्टी मेें विभिन्न पदों पर रह कार्य किया किन्तु मध्य प्रदेश में वसपा का नेतृत्च करने वाले पार्टी के विचार धारा से भटक गयें हैं।

उन्होने ने कहा कि अभी तक मेरा त्याग पत्र पार्टी द्वारा स्वीकार्य नहीं किया गया है पार्टी के वरिष्ट नेता कई बार मुझसे सम्पर्क कर वसपा न छोडने का अनुरोध कर चुके हैं किन्तु मैनें तय कर लिया है कि प्रदेश वसपा में मुझे नहीं रहना है।

पत्रकारों के सवाल के जबाब में उन्होने ने कहा कि वसपा से त्याग पत्र देने के बाद मैं कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर रहा हॅू इसके बाद कार्यकर्ताओं से सहमति के बाद आगामी दिनों में कुछ निर्णय लेसकता हॅू, भाजपा क्रागेंश की बात पर उन्होने ने कहा कि भाजपा की रीति नीति जनहित में नहीं चुनाव में खरीद फरोख्त करने के साथ ही गलत हथकण्डे अपना कर विजय हाशिल कर रही है उत्तर प्रदेश के नगर निगम व नगर पालिका के चुनाव में यह स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ ई व्ही एम मशीन से हुए चुनाव में जीत मिलती है तो वैलेट में भाजपा का सफाया हो जाता है, ऐसे में भाजपा में भाजपा में शामिल होने का शबाल ही नहीं उठता है।
एड० श्री वर्मा ने सवालों के जबाब में कहा कि कॉग्रेश की विचार धारा जनहित में है, आजादी से लेकर गत वर्र्षो पूर्व तक देश को उचॉई प्रदान की है, हरिजन आदिवासी दलित पिछडा वर्ग सहित सभी वर्गो के लिये काग्रेश ने काम किया है, पत्रकारों ने जब काग्रेश में शामिल होने पर मुहर लगाने की बात की तो अभी इस संबध में कोई जबाब नहीं दे सकता हॅू, कार्यकर्ताओं से चर्चा के दौरान आगामी दिनों में जो निर्णय लिया जायेगा उसकी सभी को जानकारी हो जायेगी।

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