दिल्ली(ईन्यूज़ एमपी)- सरकार ने मेट्रो रेल (निर्माण, परिचालन एवं रखरखाव)-2017 विधेयक में ट्रेन में गलत भाषा या हरकत करना, नशे में धुत्त होकर किसी ने परिचालन में रूकावट डालने की कोशिश या फिर किसी से गालीगलौच किया तो इसके लिए पांच हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ा सकता है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने इस विधेयक के मसौदे को मंजूरी के लिए विधि मंत्रालय को भेजा है। विधेयक के मुताबिक अग कोई शख्स नशे में धुत्त होकर यात्रा करता है और गलत भाषा का इस्तेमाल करता है तो उसे जुर्माना लगेगा लेकिन अगर मेट्रो कर्मी ऐसा करता है तो जुर्माने की राशि बढ़कर 10 हजार रुपए कर दी जाएगी। इतना ही नहीं अगर किसी कर्मी की वजह से यात्रियों की जिंदगी खतरे में पड़ती है तो ऐसी स्थिति में बीस हजार रुपए तक के जुर्माना और दो साल कैद का प्रस्ताव किया गया है। विधेयक के मुताबिक मेट्रो ट्रेन और परिसर में प्रदर्शन करने, ट्रेन में खाना खाने, गंदगी फैलाने, सह यात्रियों की जान आफत में डालने पर भी भारी जुर्माना भरना होगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक मसौदे को विधि मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा। केंद्र नियुक्त करेगी रेल सुरक्षा आयुक्त:- मेट्रो रेल (निर्माण, परिचालन एवं रखरखाव)-2017 विधेयक में नियमित अंतराल पर किराए की समीक्षा के लिए एकीकृत मेट्रो रेल किराया नियामक प्राधिकरण बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक मेट्रो के अनुरोध पर उस मेट्रो सेवा के किराए की समीक्षा करेगा। प्राधिकरण पूरी तरह से स्वायत्त होगा और अध्यक्ष के अलावा इसमें दो सदस्य होंगे। वहीं इसमें नई परियोजनाओं के प्रमाणन की भी व्यवस्था की गई है। इसके तहत नई मेट्रो सेवा शुरू करने से पहले केंद्र सुरक्षा जांच करने और प्रमाणित करने के लिए कई मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त नियुक्त कर सकती है। फिलहाल यह जिम्मेदारी अभी नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन कार्यरत रेल सुरक्षा आयुक्त की है।