रायसेन (ई न्यूज़ एमपी ) असम प्रदेश के 15 सदस्यीय पत्रकारों के दल ने रायसेन किला तथा सांची बौद्ध स्तूप का भ्रमण किया। दल के सदस्यों ने विश्व धरोहर सांची पहुंच कर बौद्ध स्तूप, अशोक स्तम्भ, बौद्ध विहार और संग्रहालय का अवलोकन कर ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक तथ्यों को जाना। भ्रमण के पश्चात दल के सदस्यों ने कहा कि सांची पूरी दुनिया में प्रेम और शांति के लिए प्रसिद्ध है। यहां आकर हम शांति का अनुभव कर रहे हैं। दल के सदस्य स्तूप परिसर में स्थित तोरण द्वार, मंदिरों पर उकेरी गई जातक कथाओं पर आधारित आकृतियों को देखकर तथा उनके महत्व को जानकर अभिभूत हो गए। रायसेन किले के भ्रमण के दौरान दल के सदस्यों ने किला परिसर में बने सोमेश्वर महादेव का मंदिर, हवा महल, झांझिरी महल, रानी महल, इत्रदान महल, वारादरी, धोबी महल, कचहरी, चमार महल, बाला किला तथा मदागन तालाब आदि का अवलोकन किया। किले के भ्रमण के दौरान दल के सदस्य यहां सदियों पुराने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को देखकर अचंभित रह गए। जल संरक्षण के लिए किले में पानी जमा करने के लिए नालियां बनाई गई हैं। बारिश के दिनों में पानी ऐसी ही नालियों के माध्यम से होता हुआ तालाब, टांको और भूमिगत टैंकों में पहुंचता था, जिससे वर्ष भर किले पर जल आपूर्ति होती थी। सदियों पुराने इस वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से तत्कालीन शासकों की दूर दृष्टि एवं ज्ञान का अंदाजा लगाया जा सकता है। भ्रमण के दौरान इत्रदान महल के ईको साउंड सिस्टम को देखकर भी आश्चर्य चकित रह गए। दल के सदस्यों ने रायसेन संग्राहलय का भी भ्रमण किया। असम प्रदेश के इस 15 सदस्यीय दल में असम के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के वरिष्ठ सूचना अधिकारी जाहिद ए. तापदार, द टेलीग्राफ आजतक के प्रनव कुमार दास, डीडी न्यूज तथा एआईआर के तपस समद्दर, असमिया प्रतिदिन के ध्रुवज्योति नाथ, दैनिक असम के मनस प्रतीम गोगोई तथा पंकज, अमर असोम के रतन हजारिका, जिवान कोनवर तथा अब्दुल खलीक सहित अन्य पत्रकार शामिल थे।