enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश दुष्कर्म पर मध्यप्रदेश सरकार के सख्त कदम का युवाओं ने किया स्वागत

दुष्कर्म पर मध्यप्रदेश सरकार के सख्त कदम का युवाओं ने किया स्वागत

रीवा (ई न्यूज़ एमपी ) मध्यप्रदेश शासन ने महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। इसके तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रिमण्डल ने 12 साल तक की लड़कियों से दुष्कर्म या किसी भी उम्र की महिला से गैंगरेप करने जैसे जघन्य अपराध पर अपराधी को फांसी की सजा देने के प्रावधान को मंजूरी दी है, साथ ही महिलाओं का पीछा करने, उन्हें घूरने, सोशल नेटवर्किंग पर अश्लील टिप्पणी करने वालों पर भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। निश्चित रूप से प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय महिलाओं की सुरक्षा और आत्मसम्मान की दिशा में प्रभावी कदम है। जिले के युवा वर्ग ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए बेहतर कदम बताया है। उनका कहना है कि दुष्कर्म एक अमानवीय कृत्य है, जो न किसी महिला की अस्मिता पर हमला है बल्कि वह उससे उसका आत्मविश्वास तक छीन लेता है। जिंदगी खत्म कर देने वाले इस घृणित अपराध को लेकर सख्त और कड़े कानून बनाये जाने की आवश्यकता थी, क्योंकि जितना कड़ा सजा का प्रावधान होगा, अपराध उतने ही कम होने की संभावना है। उम्मीद है कि महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए यह निर्णय कारगर सिद्ध होगा।
दुराचारियों को दण्ड देने संबंधी विधेयक के विषय में राय देते हुए अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में अध्ययनरत एमएसडब्ल्यू तृतीय सेमेस्टर के 22 वर्षीय युवा छात्र सिद्धार्थ श्रीवास्तव का कहना है कि 26 नवम्बर का दिन निःसंदेह इतिहास में अंकित हो गया है, सम्पूर्ण देश में जो नहीं हो पाया वह कार्य मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री एवं उनकी कैबिनेट ने करके दिखाया है। आये दिन बालिकाओं की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों को करारा जवाब मिलेगा। इतने बड़े अपराध के विरूद्ध उठाया गया यह निर्णय प्रशंसनीय एवं सराहनीय है। उम्मीद है ये विधेयक शीघ्र कानून का रूप ले और लेना भी चाहिए। कन्या महाविद्यालय रीवा में अध्ययनरत बीए द्वितीय वर्ष की 21 वर्षीय छात्रा प्रिया त्रिपाठी का कहना है कि दुष्कर्म एक ऐसा जुर्म है जिससे एक बच्ची या महिला का पूरा जीवन प्रभावित होता है, इस तरह के अपराध पर इस प्रकार के विधेयक को मंजूरी देना अत्यंत उचित है। इस निर्णय से हम बालिकाओं को प्रसन्नता है, हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं। इसी प्रकार अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एमएसडब्ल्यू प्रथम सेमेस्टर की 21 वर्षीय छात्रा श्रद्धा सिंह का कहना है कि हमारी सरकार ने यह जो निर्णय लिया है यह बलात्कारी अपराधियों के लिए उचित है, इस निर्णय के बाद एक लड़की अपनी गरिमा और सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकती है।
अपनी राय देते हुए 21 वर्षीय छात्रा अंकिता निगम ने कहा कि यह निर्णय बालिकाओं के लिए वरदान साबित होगा, जिन्हें इस निर्णय के बाद खुल के जीने की आजादी मिलेगी। सरकार को बधाई देना चाहिए जिन्होंने इतने बड़े अपराध पर अंकुश लगाने के लिए यह सराहनीय पहल की। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एमएसडब्ल्यू तृतीय सेमेस्टर की 22 वर्षीय छात्रा मंजूलता मिश्रा का कहना है कि अपराध को रोकने के लिए यह निर्णय अत्यंत जरूरी था। अपराधियों को ऐसी सजा अवश्य मिलनी चाहिए। एक लड़की की आबरू को जो न समझे उसे फांसी मिलनी ही चाहिए। यह निर्णय स्वागत योग्य है। जेएनसीटी कॉलेज में पढ़ाई कर रही बीएड. फाइनल इयर की 24 वर्षीय छात्रा प्रिया शर्मा का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय से अपराध एवं अपराधी को ठोस सबक मिलेगा, जो लोग यह सोचते थे कि गलत करने पर उनको कुछ नहीं होगा, बहुत हुआ तो जेल भेज दिया जायेगा, लेकिन अब फांसी के निर्णय से अपराधी को दस बार सोचना पड़ेगा। साकेत श्रीवास्तव का कहना है कि किसी भी अपराध पर लगाम कसने के लिए कड़े कानून बनाना और अपराधियों को सजा देना अति आवश्यक है। जब सजा कड़ी होगी तभी अपराध कम होंगे। अतः सरकार का ये निर्णय स्वागत योग्य है।

Share:

Leave a Comment