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बालिका छात्रावास में अधीक्षिका समेत चौकीदार एवं रसोइए सब महिलाएं हों - कलेक्टर

गुना (ई न्यूज एमपी)-कलेक्टर राजेश जैन ने प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण को निर्देशित किया है कि बालिका छात्रावासों में अधीक्षिकाएं समेत रसोइए एवं चौकीदार सब महिलाएं ही होना चाहिए। कलेक्टर ने यह निर्देश आज यहां आदिम जाति कल्याण विभाग एवं लोक शिक्षण विभाग के छात्रावासों के अधीक्षकों की बैठक में दिए।
कलेक्टर ने अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि उनके छात्रावास में जहां खाने पीने का सामान रखा जाता है, वह स्वच्छ हो, खिड़की-दरवाजे टूटे-फूटे ना हों, छात्रावास के अन्दर एवं बाहर प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो, मच्छर जालियां हों, पानी की समुचित व्यवस्था हो। कलेक्टर ने कहा कि छात्रावासों में दिए जाने वाले भोजन की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की घटना होने पर तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करें।
कलेक्टर ने कहा कि बालिका छात्रावास के आसपास शराब की दुकान स्थित है अथवा छात्रावास के आसपास बदमाश किस्म के या असामाजिक तत्वों का जमावबाड़ा रहता है, तो इसके बारे में अविलंब अवगत कराएं, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि अगर छात्रावास के आसपास या बालिकाओं के गुजरने के रास्तों पर कहीं संवेदनशील स्थान पड़ते हैं, तो तत्काल बता दें, ताकि वहां पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जा सके। कलेक्टर ने छात्रावास से बाहर दृष्टव्य स्थान पर पुलिस थाना, एस.डी.एम., कलेक्टर, एस.पी.के मोबाइल नंबर लिखवाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि अनहोनी घटनाओं को टालने के लिए बच्चों को जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर लापरवाही से बचा जाए, तो घटना के घटित होने से बचा जा सकता है। उन्होंने छात्रावासों में आवश्यक सभी मूलभूत सुविधाएं जुटाने पर बल दिया और कहा कि छात्रावास की पानी की टंकी साफ करा लें, अगर वहां नल की टोंटी नहीं हैं, तो लगवा लें, दरवाजे एवं खिड़कियों में सिटकनी .लगी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन कामों के लिए छात्रावासों को पर्याप्त धनराशि दी गई है। अगर कहीं पैसे की जरूरत है,तो तत्काल मांग की जाए, ताकि वहां पैसे उपलब्ध कराए जाएं।
कलेक्टर ने अधीक्षकों से कहा कि छात्रावासों को अपने घर की तरह व्यवस्थित एवं अच्छे ढंग से संधारित किया जाए। बच्चियां अगर बाहर जाती हैं, तो उनके बाहर जाने और लौटने का समय निर्धारित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चियां अधिक समय तक छात्रावास से बाहर ना रहें। कलेक्टर ने प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति से कहा कि निरीक्षण हेतु नियुक्त अधिकारियों से एक बार छात्रावासों का निरीक्षण अवश्य करा लें। कलेक्टर ने अधीक्षिकाओं से कहा कि वे बालिकाओं की समस्याओं से रू-ब-रू होने के लिए बच्चियों के साथ वार्तालाप अवश्य करें। कलेक्टर ने कहा कि समझदारी एवं सावधानी में सुरक्षा छिपी हुई है, जिसका पालन किया जाना चाहिए। कलेक्टर ने कुशलता एवं समझदारी से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के अधीक्षकों को निर्देश दिए। बैठक में महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री गोयल एवं प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण श्री गुप्ता भी उपस्थित थे।

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