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एमवाय अस्पताल पहुंचे एसीएस राधेश्याम जुलानिया

इंदौर, (ई न्यूज एमपी ) चिकित्सा शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव (एसीएस) नियुक्त हुए राधेश्याम जुलानिया मंगलवार को एमवाय अस्पताल पहुंचे। जनरल ओपीडी में उन्हें नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सर्दी-जुकाम का इलाज करते मिली। उन्होंने डॉक्टर से पूछा कि आपने आखिरी बार आंखों की सर्जरी कब की थी। इस पर डॉक्टर ने कहा 10 साल हो गए। एसीएस ने कहा जिसमें महारथ हासिल है, उसी विभाग में काम करें। वे सर्जरी विभाग की ओपीडी में पहुंचे तो कंसल्टेंट नहीं मिले।

जुलानिया दोपहर करीब एक बजे ओपीडी पहुंचे। उन्होंने यहां सबसे पहले कर्मचारियों से पर्ची बनाने की व्यवस्था समझी। इसके बाद जनरल ओपीडी में गए। यहां डॉ. शुभा मंडलोई ने उन्हें बताया यहां सामान्य सर्दी-जुकाम, बुखार के मरीजों का इलाज होता है। एसीएस के पूछने पर मंडलोई ने बताया कि वे नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। इस पर एसीएस ने उन्हें उसी विभाग में काम करने को कहा। एसीएस इसके बाद सर्जरी विभाग की ओपीडी पहुंचे। यहां डॉ. अरविंद घनघोरिया और डॉ. आरिफ अहमद अंसारी की ड्यूटी थी।

दोनों ही कंसल्टेंट सीट पर नहीं मिले। जूनियर डॉक्टरों से फोन पर जानकारी लगते ही कंसल्टेंट्स दौड़ते हुए ओपीडी में पहुंचे। जुलानिया करीब पांच घंटे अस्पताल में रहे, लेकिन उन्होंने एनआईसीयू का दौरा नहीं किया, जहां आग लगने से 47 बच्चों की जान पर बन आई थी। इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा मामले में जांच चल रही है। रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक दौरा करना ठीक नहीं है। दौरे के बाद मीडिया से चर्चा में जुलानिया ने कहा अस्पताल की व्यवस्थाएं पहले से बेहतर हुई हैं। हालांकि इसमें अब भी सुधार की गुंजाइश है।

पेपर वर्क से करेंगे मुक्त, प्रोफेसरों के 131 पद अब भी खाली

जुलानिया ने कहा अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ है, लेकिन पेपर वर्क में व्यस्त होने से वे सही काम नहीं कर पा रहे। उन्होंने बताया जल्दी ही नर्सों और डॉक्टरों को लिखा-पढ़ी से मुक्त किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज में फिलहाल प्रोफेसरों के 131 पद खाली हैं। इन्हें भरने के लिए जल्द योजना तैयार की जाएगी। एमवाय अस्पताल के लिए प्रशासनिक अधिकारी का पद स्वीकृत हो चुका है। उम्मीद है जल्दी ही इस पद के लिए नियुक्ति कर दी जाएगी। इससे डॉक्टर प्रशासनिक कार्यों से मुक्त होकर मरीजों के इलाज पर ध्यान दे सकेंगे।

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