रायसेन (ई न्यूज़ एमपी ) विश्व पर्यटन एवं बौद्ध अनुयायियों के तीर्थ स्थल सांची में 65 वां बौद्ध महोत्सव आज सुबह 7 बजे भगवान बोद्ध के शिष्य सारिपुत्र और महामोदग्लायन के अस्थि कलश पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। अस्थि पूजन के लिए बड़ी संख्या मे श्रीलंका, जापान, भूटान, ताईवान, चीन तथा थाईलैण्ड सहित कई देशों से आए बौद्ध अनुयायी पारंपरित ढोल नगाड़ों के साथ महाबोधि सोयायटी से स्तूप परिसर में स्थित बुद्ध मंदिर पहुंचे। स्तूप परिसर स्थित मंदिर में प्रातः 07 बजे श्रीलंका महाबोधी सोसायटी के अध्यक्ष वानगल उपतिस्स नायक थेरो तथा उनके शिष्यों द्वारा महात्मा बुद्ध के शिष्य महामोदग्लायन एवं सारिपुत्र की पवित्र अस्थियों की पूजा कर दर्षन के लिए रखा गया। इन पवित्र अस्थियों को तलघर से लाते समय जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे। महोत्सव के दोनों दिन संस्कृति विभाग द्वारा भगवान बुद्ध पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। महाबोधी महोत्सव में देश-विदेश से धर्माबलम्बियों का आना निरंतर जारी है। 25 नवम्बर को होने वाले कार्यक्रम संस्कृति विभाग द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों में महोत्सव के पहले दिन 25 नवम्बर को संजय उपाध्याय भोपाल के निर्देशन में तीसरा मंतर बौद्ध ज्ञान कथा का नृत्य-नाट्य-प्रदर्शन होगा तथा रजत कलायत्रे श्रीलंका नृत्य गीत बुद्ध आधारित प्रस्तुति असुरनाद कला फाउण्डेशन द्वारा दी जाएगी। 26 नवम्बर को होने वाले कार्यक्रम महोत्सव के दूसरे दिन 26 नवम्बर को निर्देशक श्री अशोक जाम्बुलकर के द्वारा भगवान बुद्ध की जीवन कथा पर आधारित नाट्य अंगुलिमाल प्रस्तुति ध्यान धम्म बहुउद्देशीय विकास संस्था नागपुर द्वारा दी जाएगी। इसके साथ ही अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी आयोजित होगा जिसमें सर्व डॉ. सुरेश अवस्थी-कानपुर, मदन मोहन समर-भोपाल, अतुल ज्वाला-इन्दौर, प्रियंका राय-बनारस, वैशाली शुक्ला-उज्जैन, पुष्पक देशमुख-बैतूल तथा कौशल सक्सेना-देवनगर शामिल होंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 7 बजे आयोजित किये जाएंगे