enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए लघु वनोपज संघ लगातार प्रयत्नशील

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए लघु वनोपज संघ लगातार प्रयत्नशील

रायसेन (ई न्यूज़ एमपी ) लघु वनोपज संघ द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहकों और अन्य लघु वनोपज संग्रहकर्ताओं के विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए मध्यप्रदेश में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। सहकारी समितियों के माध्यम से तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मजदूर से मालिक बनाया गया है। लघु वनोपज संघ द्वारा एकलव्य शिक्षा छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। एकलव्य शिक्षा छात्रवृत्ति योजना में दी जाने छात्रवृत्ति की राशि स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को दी जाने वाली किसी भी अन्य छात्रवृत्ति की राशि से अधिक है।
अब तक 6324 तेन्दूपत्ता संग्राहकों के परिवार के बच्चों को 455 लाख रुपये की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया है। आज लघु वनोपज संघ मुख्यालय में आयोजित वंचित एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सहकारिता विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष महेश कोरी ने ये जानकारी दी। संगोष्ठी को आईसीएम के चेयरमेन अरुण सिंह सिंह तोमर, उपाध्यक्ष वनोपज संघ वीरेन्द्र गिरि, एम.डी. जब्बार हसन और अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में लघु वनोपज संग्राहक समितियों के प्रतिनिधि और लघु वनोपज संघ के अधिकारी मौजूद थे,संगोष्ठी में बताया गया कि 33 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को लघु वनोपज संघ द्वारा लाभान्वित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगारों का सृजन, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक सुरक्षा, तेन्दूपत्ता संग्राहकों के मेधावी छात्र-छात्राओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहन, दूरस्थ अंचल में निवासरत ग्रामीणों के लिए अधोसंरचना विकास के कार्य और इनकी क्षमता तथा कौशल उन्नयन के लिए कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। वनोपज संघ द्वारा संग्राहकों का बीमा कराया कर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है, अब तक 99 करोड़ रुपये राशि के बीमा दावों का भुगतान किया गया है। शिक्षा के लिए एकलव्य शिक्षा छात्रवृत्ति में 9वीं तथा 10वीं के लिए 12 हजार रुपये, 11वीं और 12वीं के लिए 15 हजार रुपये प्रति छात्र-छात्रा प्रति वर्ष और उच्च शिक्षा (गैर तकनीकी) 20 हजार रुपये और उच्च शिक्षा (तकनीकी) के लिए 50 हजार रुपये प्रति छात्र-छात्रा प्रति वर्ष दिया जा रहा है। छात्र-छात्रा की पात्रता के संबंध में उनके द्वारा 60 प्रतिशत अंक से अर्हताकारी परीक्षा को उत्तीर्ण करना और तेन्दूपत्ता संग्राहकों के परिवार के पुत्र अथवा पुत्री होना जरूरी है।

Share:

Leave a Comment