भोपाल (ई न्यूज़ एमपी)मध्यप्रदेश के 23 हजार ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक जिनको प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत सहायक सचिव का दर्जा दिया गया है वह सभी रोजगार सहायक नियमितिकरण की मांगों को लेकर अधिकारों को कई बार ज्ञापन देकर कई शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया गया है।सिर्फ ज्ञापन देकर ही सारा ध्यान आकर्षित नहीं किया है बल्कि अपितु ग्राम उदय से भारत उदय में उत्कृष्ट कार्य कर काम भी दिखाया है। रोजगार सहायकों ने पहले अपनी कुशलता को शासन के सामने रखा है जिसे प्रदेश सरकार ने स्वीकार करते हुए उत्कृष्ट कार्य करने पर 2000 की वेतन में वृद्धि भी की थी।बहरहाल प्रदेश के रोजगार सहायक अब काम के साथ-साथ वह अपना भविष्य भी सवारना चाहते हैं इन्हीं सभी सवालों के चरणबद्ध तरीके से प्रदेश सरकार को कई बार ध्यानाकर्षण के लिए ब्लॉक स्तर से लेकर जिला संभाग सहित प्रदेश के अधिकारियों को ज्ञापन सौपा गया। वावजूद इसके बाद भी प्रदेश सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा कोई सुध नहीं ली गई।लिहाजा प्रदेश के रोजगार सहायकों में आक्रोश व्याप्त है ,प्रदेश अध्यक्ष रोशन सिंह परमार के नेतृत्व में 30 नवंबर को विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेंगे। रोजगार सहायकों ने अपने अपने विधान सभा के सभी विधायकों को आमंत्रण पत्र भी भेजना शुरू करदिया है ।इस आमंत्रण में समस्त विधायक के साथ साथ पंचायत मंत्री मुख्यमंत्री को भी आमंत्रण भेजा जा रहा है। ग्राम रोजगार सहायक पिछले 7 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं और मध्यप्रदेश शासन में पिछले 4 वर्षों से पंचायत सहायक सचिव के पद पर बखूबी कार्य को अंजाम दे रहे हैं। जिसका लोहा मध्यप्रदेश शासन भी जानता है ।सहायक सचिव का कहना है कि जिला संवर्ग में संविलियन किया जाए प्रदेश प्रवक्ता शैलेंद्र चोकसे ने बताया कि यदि शासन हमारी मांग को सहज स्वीकार नहीं करेगी तो इसके लिए हमें उग्र आंदोलन भी करना पड़ा तो हम करेंगे लड़ेंगे तो जीतेंगे की तर्ज पर, प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र परमार ने समस्त 23000 रोजगार सहायकों से विधानसभा घेराव के धरने में सम्मिलित होने का आग्रह किया है।