नई दिल्ली(ई न्यूज़ एमपी) बचत खाते में न्यूनतम 10,000 रुपये वाले परिवारों की संख्या जितनी अधिक होगी, गरीबी सूचकांक पर सकारात्मक रूप से मूल्यांकन होने की संभावनाएं पंचायतों की अपेक्षा बेहतर होगी। सरकार ने आवश्यकता के मूल्यांकन के उपायों को तैयार करने का फैसला किया है। सरकार ने ग्राम पंचायत में गरीबी तय करने के लिए मानक बनाया है और घरों का बैकों में जमा रकम ही उनका आर्थिक विकास तय करेगा। साथ ही, "विविधतापूर्ण आजीविका के लिए बैंक ऋण" वाले परिवारों की संख्या जितनी अधिक होगी, उतना ही गरीबी के पैमाने पर एक गांव का आकलन होगा। महत्वपूर्ण तौर पर, एक पंचायत का समृद्धि या गरीबी की कमी सीधे "भुगतान / स्व रोजगार में महिलाओं की संख्या" या एलपीजी कनेक्शन वाले घरों की प्रतिशतता या उनको प्रतिदिन 12 घंटे के लिए बिजली की आपूर्ति करने पर निर्भर रहेंगी।