भोपाल(ईन्यूज़ एमपी ) .पोषण आहार वितरण का काम स्वसहायता समूहों को देने के लिए राज्य सरकार ने नई नीति तो बना ली, लेकिन उसे लागू करने में अभी चार माह का समय लग सकता है। महिला एवं बाल विकास विभाग टेंडर की प्रक्रिया बनाएगा, इसमें स्वसहायता समूहों को दो में से एक विकल्प दिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार स्वसहायता समूहों से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) या एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) बुलाएगी। इससे समूहों की क्षमता का आकलन होगा। फिर पोषण आहार सप्लाई के काम के प्रति गंभीर समूहों की छंटनी होगी। इसके लिए भी मापदंड तय होंगे। विभाग इस बात की भी कोशिश करेगा कि ज्यादा से ज्यादा महिला स्वसहायता समूहों को यह काम दिया जाए। - कैबिनेट बैठक में जब पोषण आहार की नई नीति पर चर्चा चल रही थी, तब स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने भी यह सुझाव दिया था कि संभाग स्तर पर पोषण आहार सप्लाई का काम देने की बजाए जिला स्तर को आधार मानकर काम किया जाए। इससे महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस सुझाव को ठीक माना। बहरहाल, पोषण आहार की नीति में यह तय किया गया है कि स्व सहायता समूह संभागवार पोषण आहार सप्लाई का काम करने के लिए प्रस्ताव देंगे। यदि सफलता नहीं मिलती है तो राज्य सरकार इसे जिला इकाई में भी तब्दील कर सकती है। इसके बाद स्व सहायता समूहों को जिला स्तर पर जिम्मेदारी दी जा सकती है।