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सीधी जिले में खाद्यान घोटाले का हुआ पर्दाफाश .. 44813 लोगों के नाम मिले फर्जी

सीधी( सचीन्द्र मिश्र)-पात्र परिवारों को राशन की पात्रता पर्ची नहीं दिए जाने का मुद्दा विधानसभा के मानसून सत्र में खूब उछला था। जिस पर कार्यवाही करते हुए खाद्य,नागरिक आपूर्ति विभाग म.प्र. ने समग्र पोर्टल में दर्ज नाम और जनसंख्या के आंकड़े से मिलान कराया तो अधिकारियों के होश उड़ गये।

इस मामले में चौकाने वाला खुलासा हुआ कि 37 जिलों मे एससी, एसटी की जनसंख्या जितनी नहीं है उससे ज्यादा नाम पीडीएस की पात्रता सूची में दर्ज हैं। इन गड़बड़ी बाले 37 जिलों में सीधी और सिंगरौली ने टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है। सीधी जिले में एससी-एसटी की कुल आबादी 4 लाख 43 हजार 506 है लेकिन खाद्यान्न पात्रता सूची में 4 लाख 88 हजार 319 लोग पात्र हैं। अब गौर करने बाली बात यह है कि इन्ही लोगों में से कुछ आयकरदाता, सम्पन्न परिवार या सरकारी नौकरी वाले भी हैं जिन्हें खाद्यान्न की पात्रता नहीं है। फिर भी जिले में एससी-एसटी परिवार अपनी कुल आबादी से 44 हजार 813 अधिक कैसे हैं ये समझ से परे है।

प्रमुख गड़बड़ी बाले जिले निम्न हैं:-

जिले. आबादी, सूची में पात्र
छतरपुर- -478910- -658692

झाबुआ- -909245- -1200242

आलीराजपुर--675515--828127

बड़वानी--1050136--1210678

खरगोन--939260--1059816

सिंगरौली--534658--600976

दमोह--412632--459064

खंडवा--615723--679913

सीधी--443506--488319

दतिया--215331--236920

वहीं पूरे प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति की संख्या 2 करोड़ 66 लाख 59 हजार 104 हैं, जबकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पात्रता सुची में ये संख्या 2 करोड़ 80 लाख 91 हजार 394 है।

इस मामले पर खाद्य आयुक्त ने बताया किकई जिलों में आबादी से ज्यादा अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के नाम पात्रता सूची में होने की बात सामने आई है। कलेक्टरों को ऐसी जगह चिन्हित करके जांच करने और अपात्रों के नाम काटने के लिए कहा गया है। साथ ही ऐसे अंत्योदय परिवार, जहां एक ही सदस्य हैं, वहां की भी पड़ताल की जा रही है।

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