वाराणसी(मनोज त्रिपाठी)- दिब्यांग जनों को बिना किसी भेद-भाव के आजाद होकर और सामान्य जन के साथ हर स्तर पर एक दूसरे के साथ-साथ चलें, इसी भावना को साकार करने के लिए राष्ट्रीय न्यास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने समावेशित भारत की परिकल्पना की है। इस परिकल्पना को साकार करने के लिए देश के सभी राज्यों में 70वीं स्वतंत्रता दिवस के पूर्व 13 अगस्त, को जन जागरूकता का आयोजन किया गया। उक्त क्रम में वाराणसी के डा0 सम्पूर्णानंद स्टेडियम, सिगरा से दिब्यांग एवं सामान्य जनों की समावेशित पदयात्रा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए उत्तर प्रदेश के विधि, न्याय, सूचना, खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री डॉ. नीलकण्ठ तिवारी ने कहा कि समाज के निर्माण में दिव्यंगजनों की भूमिका तय की जायेगी जो समावेशित भारत तथा सबका साथ व सबका विकास को चरितार्थ करेगा, जिसमें दिव्यांगजन ही अपनी भूमिका स्वयं तय करेगें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय न्यास के अध्यक्ष एवं मुख्य आयुक्त (दिब्यांग जन) भारत सरकार , डॉ0 कमलेश कुमार पांडेय ने न्यास द्वारा आयोजित धरौंदा योजना के बारे में काफी विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि न्यास मानसिक मंदित, स्वलीन, बहु विकलांग एवं सेरेब्रल पाल्सी ग्रसित दिब्यांग बच्चों के लिए चिकित्सा से लेकर उनके पुनर्वास तक के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहा है। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि विधायक, कैन्ट विधानसभा सौरभ श्रीवास्तव और क्षेत्राधिकारी चेतगंज सत्येन्द्र पी तिवारी ने भी दिव्यांग जनों को सम्बोधित किया। विकलांग समाकलन संस्थान के निदेशक डा. आर. ए. जोसेफ ने अतिथियों को संस्थान का स्मृति चिन्ह प्रदान किया तथा कार्यक्रम का संचालन मुकेश नारायन एवं धन्यवाद ज्ञापन राजेश कुमार मिश्र, जिला दिब्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. नीलकण्ठ तिवारी ने पदयात्रा को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जिसमें हजारों की संख्या में दिब्यांग एवं सामान्यजन बहुत ही उत्साह के साथ यात्रा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यह यात्रा सिगरा स्टेडियम से चलकर साजन तिराहा होते हुए सिगरा चौराहा, नगर निगम मुख्यालय होते हुए पुनः सिगरा स्टेडियम जाकर समाप्त हुई।