सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- बच्चों की देख रेख और संरक्षण हेतु संचालित संस्थाओं का पंजीयन अनिवार्य है| जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी प्रवेश मिश्रा ने बताया की शासन के निर्देशानुसार शून्य से 18 वर्ष के बालकों के लिए संचालित संस्थाओं का किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन होना जरूरी है| अगर कोई संस्था किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत नही है तथा वह जरूरतमंद बालकों को आश्रय देती है तो इस प्रकार की संस्था संचालक को एक वर्ष का कारावास अथवा एक लाख रूपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।