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Home मध्य प्रदेश राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिये मध्यप्रदेश में तैयारियाँ पूरी,पहली बार मतदान में विशेष पेन का इस्तेमाल होगा....

राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिये मध्यप्रदेश में तैयारियाँ पूरी,पहली बार मतदान में विशेष पेन का इस्तेमाल होगा....

भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)-राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आगामी 24 जुलाई को समाप्त हो रहे कार्यकाल के पहले 17 जुलाई को नये राष्ट्रपति के लिये मतदान होगा। मतदान के बाद वोटों की गिनती 20 जुलाई को संसद भवन नई दिल्ली में होगी। भारत निर्वाचन आयोग ने राष्ट्र के सर्वोच्च निर्वाचकीय पद के चुनाव को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बनाने के लिये सभी आवश्यक कदम उठाये हैं। अन्य राज्यों की तरह मध्यप्रदेश में भी सोमवार 17 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिये विधान सभा सदस्य अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। मतदान सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होगा। मतदाताओं में संसद के दोनों सदन के निर्वाचित सदस्य और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली तथा संघ शासित क्षेत्र पुडुचेरी सहित सभी राज्य की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल हैं। विधान सभा के नामित सदस्य निर्वाचन में भाग नहीं ले सकेंगे।

राष्ट्रपति का निर्वाचन अनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा। निर्वाचन में मतदान गुप्त मत-पत्र द्वारा होगा। इस प्रणाली में निर्वाचक द्वारा अभ्यर्थियों के नाम के सामने अधिमान चिन्हित करना होगा। अधिमान भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप में, रोमन स्वरूप या मान्यता प्राप्त किसी भी भारतीय भाषा के रूप में चिन्हित करना होता है। अधिमान को केवल अंकों में चिन्हित करना होगा। वोट चिन्हित करने के लिये आयोग की ओर से विशेष पेन उपलब्ध करवाया जायेगा। अन्य किसी पेन का उपयोग करने पर मतगणना के समय मत अवैध घोषित कर दिया जायेगा।

निर्वाचन लड़ने वाला अभ्यर्थी अपने प्रतिनिधि को मतदान और मतगणना-केन्द्र पर उपस्थित रहने के लिये अधिकृत कर सकेगा। आयोग की ओर से संसद सदस्यों से अपेक्षा की गयी है कि वे संसद भवन, नई दिल्ली में मतदान-स्थल पर अपना वोट डालें तथा विधान सभा के सदस्य संबंधित राज्य की राजधानी में मतदान करें। विशेष परिस्थिति या किसी तात्कालिक आवश्यकता होने पर संसद सदस्य राज्य की राजधानी/दिल्ली/पुडुचेरी में किसी भी मतदान-केन्द्र पर मतदान कर सकेगा। इसी प्रकार विधान सभा सदस्य संबंधित राज्य की राजधानी में मतदान करने की बजाय नई दिल्ली में मतदान कर सकेंगे। इसके लिये उन्हें आयोग को निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा।

राष्ट्रपति पद का निर्वाचन गुप्त मत-पत्र द्वारा होना है, इसलिये मतदाताओं से अपेक्षा की गयी है कि वे निष्ठापूर्वक वोट की गोपनीयता बनाये रखें। किसी भी परिस्थिति में किसी को मत-पत्र दिखाना पूरी तरह निषिद्ध है। वोटिंग कम्पार्टमेंट में मतदान करने के बाद मतदाता से अपेक्षा की गयी है कि वे मत-पत्र को मोड़े और मत-पेटी में डाल दें। मतदान प्रक्रिया के किसी भी उल्लंघन से पीठासीन अधिकारी द्वारा मत-पत्र को निरस्त कर दिया जायेगा। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि राजनैतिक दल अपने संसद सदस्यों और विधान सभा सदस्यों को राष्ट्रपतीय निर्वाचन में मतदान के मामले में कोई भी व्हिप जारी नहीं कर सकेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मतदान के बाद मत-पेटियों तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वापस नई दिल्ली लाने जैसे मामलों पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।

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