भोपाल(enewsmp.com)राज्य सरकार ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को खुश करने के लिए उनकी सुविधाओं में इजाफा किया है। बढ़ाई गई सुविधाओं से अब पूर्व मुख्यमंत्रियों का मानदेय аवर्तमान मुख्यमंत्री के वेतन के बराबर हो जाएगा।аराज्य सरकार ने बाकायदा इस संबंध में मप्र मंत्री (वेतन तथा भत्ता) संशोधन अध्यादेश 2017 प्रदेश में प्रभावी कर दिया है। इस संबंध में विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक भी पेश किया जाएगा। अध्यादेश के मुताबिक अब पूर्व मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री के वेतन के बराबर मानदेय मिलेगा। लेकिन यह सुविधा लेने के लिये यह जरुरी होगा कि वह केंद्र या राज्य में मंत्री नहीं हो। इस तरह इस मानदेय के दायरे में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, दिग्विजय सिंह और कैलाश जोशी तो आ गये हैं, लेकिन केंद्र में मंत्री सुश्री उमा भारती इस मानदेय की हकदार नहीं होंगी। यह इसलिये कि केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्हें पहले ही सुविधाएं मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री को सत्कार भत्ता और दैनिक भत्ता भी मिलेगा। लेकिन इसके लिये यह जरुरी होगा कि वह सांसद या विधायक निर्वाचित नहीं हो। अध्यादेश के मुताबिक अब पूर्व मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री की तरह ही सुसज्जित निवास की पात्रता होगी। इसके लिये कोई किराया भी नहीं देना होगा। वहीं प्रदेश के रेस्ट हाउस में भी उनको नि:शुल्क रहने की सुविधा मिल सकेगी।