enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश कमिश्नर व कलेक्टर ने की क्षमा याचना

कमिश्नर व कलेक्टर ने की क्षमा याचना

होशंगाबादenewsmp👉 माँ से मनुहार कार्यक्रम आज होशंगाबाद एवं हरदा के सभी नर्मदा नदी के तटो पर आयोजित किया गया। नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर उमाकांत उमराव व कलेक्टर अविनाश लवानिया आज स्वयं ग्राम रंढाल पहुँचे उनके साथ प्रशासनिक अमला, नर्मदा परिवार के सदस्य व बड़ी संख्या में ग्रामीणजन भी शामिल हुए। कमिश्नर उमराव सहित सभी लोगो ने रंढाल में नर्मदा के तट पर माँ नर्मदा का विधिवत पूजन किया, आरती की एवं नर्मदा अष्टक के पाठ के बाद अपनी गलतियो की क्षमा माँ नर्मदा से मांगते हुए गैंती, फावड़ा, कुदाल एवं विभिन्न प्रजातियो के पौधो के बीजो का पूजन किया और संकल्प लिया कि माँ नर्मदा के पुराने वैभव को वापस लाने के लिए वे प्राणपण से प्रयास करेंगे। सभी नर्मदा परिवार के सदस्यो व अधिकारियो ने संकल्प लिया कि वे नर्मदा की धारा को स्वच्छ, निर्मल व अक्षुण्य बनाए रखने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। सभी ने माँ नर्मदा से आशीर्वाद भी मांगा कि वे इस पुनीत एवं पवित्र कार्य में सभी को सफल बनाए। इस अवसर पर नर्मदा परिवार के सभी सदस्यो ने नर्मदा का जल उन्हें आवंटित उपखंड में डाला व संकल्प लिया कि वे 3 जून को अपने सभी आवंटित उपखंड में बीजोपचार करेगे एवं आगामी 2 जुलाई को इसी उपखंड पर वनस्पति पौधो, घास, कांस, बेल का रौपण करेगे। कमिश्नर उमराव ने प्रतीकात्मक रूप से नर्मदा परिवार के सदस्य विजयराम मीणा के उपखंड में बीज का रौपण किया।
इस अवसर पर नर्मदा परिवार के सदस्यो व ग्रामीणो को संबोधित करते हुए नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर उमाकांत उमराव ने कहा कि वर्तमान में नर्मदा का पानी शुद्ध तो है किन्तु वनस्पति पौधो, मछलियो की कमी के चलते इसका पानी पवित्र नही रह गया है। कमिश्नर ने कहा कि आज से 70 वर्ष पहले नदी के किनारे तुलसी, ब्राम्ही, कांस, झाड़िया होने के चलते पानी शुद्ध व पवित्र रहता था हमे माँ नर्मदा का वही पुराना वैभव लोटाना है। हमे माँ नर्मदा के तटो के किनारे घास, वनस्पति पौधो, झाड़ आदि का रौपण करना है और माँ नर्मदा के पानी को पहले की तरह पवित्र करना है।
पिछले जन्म का पुण्य है - कमिश्नर ने नर्मदा परिवार के सदस्यो व ग्रामीणो से कहा कि यह हमारे पिछले जन्मो का पुण्य ही है कि हम आज माँ नर्मदा के किनारे पैदा हुए हैं तो हम सबका कर्तव्य बन जाता है कि हम माँ की निर्मलता व पवित्रता को बनाए रखने में जुटे रहे। यह हमारे जीवन का प्रमुख दायित्व व कर्तव्य भी होना चाहिए।
विभिन्न प्रकार के बीजो का संग्रहण - रंढाल में ग्रामीणो के सहयोग से विभिन्न प्रकार के वनस्पति पौधो के बीजो को एकत्रित किया गया है। 3 जून को बीजोपचार करने के बाद 2 जुलाई को पौधरौपण भी किया जाएगा। रंढाल में अब तक इमली, रीठा, बिलायती इमली, फुलकहारी, गोखरन, मुआर, लिपती, कपास, टुकमनैया, गटेस, बहेड़ा, धतूरा, सुबबूल, गुलमोहर, चिल्लौर, सीताफल, बापूची, अणमार्ग, भटकटाई, तुलसी, अरंडी, बरगद, बैर झाड़ीबाली, गुलार, उतकटाव, अर्जुन, गोरखमुंडी, कंजी, सागौन, सत्यानाशी, हिन्मुआ, छींदा, बेर, हर्रा, कौच, विलायती, बबूल, गुरार, गोमची, सेमल व जंगली तुलसी के बीजो का संग्रहण किया गया है।
कमिश्नर ने कांस व ब्राम्ही का बताया महत्व - कमिश्नर ने माँ से मनुहार कार्यक्रम में सहभागिता निभा रहे ग्रामीणो को एवं नर्मदा परिवार के सदस्यो को पुरानी औषधीय पौधो ब्राम्ही की विशेषताएं बताते हुए कहा कि सभी यह प्रयास करे कि कुछ ब्राम्ही के पौधे भी नदी के किनारे लगाएं क्योकि ब्राम्ही के पत्तो के रस के सेवन से बच्चो में तेज बुद्धि का विकास होता है वे कुशाग्र हो जाते हैं। वही कमिश्नर ने सभी को कांस लगाने की भी समझाईश दी और बताया कि मृत्यू हो जाने पर व्यक्ति को कांस की शैया पर ले जाया जाता था जो अच्छी मानी जाती थी। कमिश्नर ने आशा व्यक्त की कि माँ नर्मदा के आशीर्वाद से हम बड़े से बड़ा कार्य निर्विध्न संपन्न करा लेंगे।
नर्मदा में थी 121 प्रकार की मछलियां - कमिश्नर ने उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि पहले लोग कहते थे कि स्वस्थ्य रहना है तो नदी के किनारे मोथा, घास व भटकटाई के पौधे लगाए इसी का परिणाम है कि पूर्व में नर्मदा नदी में 121 प्रकार की मछलियां पाई जाती थी किन्तु जल के लगातार दूषित होने के चलते अब 40 से 41 प्रकार की मछलियां ही नदी में शेष रह गई है। यहां तक की महाशिर मछली भी लुप्त प्रायरू हो गई है।
नर्मदा परिवार से बच्चो को भी जोड़े - माँ से मनुहार कार्यक्रम में बताया गया कि रंढाल में 35 नर्मदा परिवार बनाए गये हैं। कमिश्नर ने और अधिक नर्मदा परिवार बनाने के निर्देश दिए और कहा कि प्रत्येक नर्मदा परिवार को 50 मीटर का उपखंड पौधरौपण के लिए आवंटित किया गया है। उन्होंने नर्मदा परिवार में बच्चो को भी सदस्य के रूप में शामिल करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक नर्मदा परिवार में 3 वर्ष से अधिक आयू के बच्चो को अनिवार्यतरू सदस्य बनाया जाए।
वनस्पति पौधो को पुर्नजीवित करने पर पुरूस्कार - कमिश्नर ने रंढाल में सभी को प्रेरित किया कि वे ज्यादा से ज्यादा वनस्पति पौधे लगाए। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति, संस्था माँ नर्मदा परिवार अपने आवंटित उपखंड में सबसे अधिक जीवित वनस्पति लगायेगा, पौधो को पुर्नजीविन जीवन प्रदान करेगा उस संस्था, व्यक्ति या नर्मदा परिवार को प्रथम पुरूस्कार के रूप में 1 लाख रूपए की राशि दी जाएगी। यही नही 51 हजार, 31 हजार एवं 21 हजार रूपए का पुरूस्कार भी प्रदान किया जाएगा।
गांव से निकली प्रभात फेरी - इसके पूर्व ग्राम रंढाल के ग्रामीणो ने वृक्षारौपण का संकल्प लेते हुए व माँ नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त कराने की शपथ लेते हुए गांव के विभिन्न वार्डा से होती हुई प्रभात फेरी निकाली। प्रभात फेरी में पुरूष, महिलाएं, बच्चे एवं बुजुर्ग व्यक्ति उत्साह पूर्वक शामिल हुए वे सब माँ नर्मदा के किनारे वनस्पति पौधो को लगाने के नारे लगा रहे थे। प्रभात फेरी गांव के विभिन्न वार्डा व चौराहो से होते हुए नर्मदा के तट पर समाप्त हुई।
माँ से मनुहार कार्यक्रम में कलेक्टर अविनाश लवानिया, सहायक कलेक्टर स्वपनिल सांखला, सहायक कलेक्टर हरदा सिद्धार्थ कुमार, सहायक कलेक्टर मनोज सरियाम, एसडीएम रितु चौहान, सीईओ जनपद पंचायत नमिता बघेल, तहसीलदार राजेश बोरासी, पर्यावरणविद ड. विपिन व्यास, सरपंच चंदा साहू, माँ नर्मदा पर रिसर्च कर रहे रिसर्च स्कालर, नर्मदा परिवार के सदस्य, ग्रामीणजन एवं पिं्रट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।



Share:

Leave a Comment