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मप्र में मजदूरों के जरिए हो रही Сहरे सोनेТ की तस्करी

भोपालenewsmp अभी तक आप ने वन क्षेत्रो में लकड़ी चोरी अवैध खनन की खबर पढ़ी और सुनी होगी किन्तु प्रदेश के जंगलों से हरा सोना यानि तेंदूपत्ते की तस्करी करने की भी खबर मिली है। बैतूल, विदिशा के बाद भोपाल में तेंदूपत्ता की चोरी कर बीना, सागर दमोह ले जा रहे डेढ़ सौ मजदूरों का पकड़ा गया। इसमें ज्यादातर महिलाएं है। ये सभी मजदूर है। इसके पीछे बुंदेलखंड के बीड़ी कारोबारियों के शामिल होने की जानकारी मिली है। अब देखना यह है कि वन विभाग का अमला मजदूरों के जरिए जंगलों से चोरी करवा रहे बीड़ी कारोबारियों तक पहुंच पाते है या नहीं। डेढ़ सौ महिलाएं पकड़ी गर्इं प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को भोपाल में चार वाहनों को जब्त कर 25 पुरुषों के साथ डेढ़ सौ महिलाएं पकड़ी गई है। ये सभी आरोपी मजदूर है। ये चोरी कर तेंदूपत्ता की तस्करी करने वाले मजदूरों सागर, बीना और दमोह के है। इसके पहले 3 मई को बैतूल से तेंदूपत्ता की चोरी करने वालों का एक गिरोह को पकड़ा था। यह गिरोह बैतूल के जंगलों से तेंदूपत्ता तोड़कर ट्रैन से तस्करी करता रहा है। बैतूल में वन विभाग के रेंजर ने तेंदूपत्ता की गठरी जब्त कर मजदूरों को डांटड पट कर छोड़ दिया। बैतूल के सीसीएफ आरएस अलावा ने बताया कि विभाग ने मजदूरों से तेंदूपत्ता जप्त किया है। उन्होंने बताया कि पहली बार बहारी मजदूर तेंदूपत्ता रेलवे से ले जा रहे थे। मजदूरों से पत्ता जप्त कर सोनाघाटी में रखा है।
6 हजार मानक वोरा में बिकता है पत्ता
इस बार तेंदूपत्ते का औसत दर 6 हजार मानक वोरा है। एक मानक वोरा में 600 से 700 गड्डियां आती है। एक गड्डी में 50 तेंदूपत्ता होता है। इस बात तेंदूपत्ते की गुणवत्ता अन्य वर्षों की तुलना में अच्छी है। तेंदूपत्ता महंगे दर पर बिकने के कारण मप्र में तेंदूपत्ते की चोरी खबरें अधिक सुनने को मिल रही है।

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