👉 अजय सिंह ने कहा कि खराब रिजल्ट के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार भोपालenewsmp👉 नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने 10वीं और 12वीं के रिजल्ट के खराब प्रदर्षन के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री अपने निवास पर प्रदेष के 5 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के फेल होने का जष्न मना रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा गठित आनंद मंत्रालय का आनंद यही है। सिंह ने कहा कि साल भर अपनी ब्राडिंग करने और राजनीतिक उद्देष्यों के लिए निरर्थक अभियान चलाने और उसमें षिक्षकों की ड्यूटी लगाने का ही परिणाम है कि इस वर्ष प्रदेष के लाखों बच्चों का भविष्य खराब हो गया। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ अपनी वाहवाही कराने का अवसर तलाषते रहते हैं। यही कारण है कि कल वे खराब रिजल्ट प्रदर्षन के बाद भी जष्न मनाने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि रिजल्ट घोषित होना एक सामान्य प्रक्रिया मध्यप्रदेष में रही है पर मुख्यमंत्री शिवराज के राज में अब रिजल्ट के उद्घाटन और लोकार्पण की परंपरा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि दसवीं की परीक्षा में साढ़े आठ लाख से अधिक विद्यार्थी बैठे थे जिसमें से 4 लाख बच्चे फेल हुए हैं और 3 लाख से अधिक विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री आई है। उन्होंने कहा कि यह परिणाम मुख्यमंत्री के लिए गौरव और जष्न का विषय हो सकते हैं लेकिन प्रदेष के लिए यह शर्म का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रदेष में नित नये अभियानों में और मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान जिलों में भीड़ इकट्ठी करने का काम षिक्षकों को दिया जाता है। जो अपने स्कूलों से बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में पहुंचते हैं। सिंह ने कहा कि यही कारण है कि स्कूलों में पढ़ाई कम हुई और षिक्षक और बच्चे मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में ज्यादा शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि ऐसा ही मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेष में मिल बांचे कार्यक्रम शुरू किया। वे खुद भी और मंत्रियों तथा अधिकारियों को स्कूलों में पढ़ाने को भेजा। इससे षिक्षक बच्चों को पढ़ाने और बच्चे पढ़ने के बजाय स्कूल में आनेवाले अतिथियों की तीमारदारी में लगे रहे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से मुख्यमंत्री तो सुर्खियों में आ गए लेकिन बच्चों का भविष्य चौपट हो गया। नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेष की मूलभूत जरूरतों और प्रदेष के बेहतर भविष्य से जुड़े मुद्दों की उपेक्षा कर साल भर उत्सवों और समारोह करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि षिक्षा की बदतर हालत का अंदाजा दसवीं और बारहवीं परीक्षा परिणामों से सामने आ गया है। वहीं प्रदेष की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो गई है। व्यापमं महाघोटाले से भी प्रदेष के लाखों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हुआ है क्योंकि मुख्यमंत्री व्यापमं परीक्षाओं में सेंधमारी पर अंकुष लगाने के बजाय घोटाले करने वालों को संरक्षण देते रहे।