सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- विंध्य क्षेत्र में प्रशासनिक पुनर्गठन की मांग जोर पकड़ रही है। रीवा से सतना को अलग कर नया संभाग बनाने की मांग के बाद अब सीधी को भी संभाग बनाने की कवायद तेज हो गई है। प्रदेश सरकार में मंत्री प्रतिमा बागरी पहले ही सतना को संभाग बनाने की मांग मुख्यमंत्री मोहन यादव से कर चुकी हैं, वहीं अब सीधी की युवा शक्ति भी इस दिशा में आगे आ रही है। सीधी को संभाग बनाने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता विवेक पांडे और उनकी टीम सक्रिय हो गई है। उनका मानना है कि यदि सीधी को संभाग का दर्जा मिलता है, तो क्षेत्र को कई फायदे होंगे। संभाग बनने के संभावित लाभ: प्रशासनिक सुविधा: नए संभाग के बनने से प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी और जनता को त्वरित सेवाएं मिलेंगी। विकास कार्यों में तेजी: क्षेत्रीय विकास योजनाओं को अधिक प्राथमिकता मिलने से सीधी का तेजी से विकास संभव होगा। योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन: सरकारी योजनाओं को स्थानीय जरूरतों के अनुसार प्रभावी रूप से लागू किया जा सकेगा। आर्थिक और सामाजिक विकास: नया संभाग बनने से व्यापार और निवेश के नए अवसर खुल सकते हैं। सुरक्षा और कानून व्यवस्था: प्रशासनिक सुधार से कानून व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है। स्थानीय नागरिकों को अधिक प्रतिनिधित्व: नए संभाग के गठन से स्थानीय लोगों को प्रशासन में अधिक भागीदारी मिलेगी। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है। विंध्य में सतना के बाद क्या सीधी भी नए संभाग के रूप में स्थापित होगा या नहीं, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।