सीधी (ईन्यूज़ एमपी): चूल्हि-बढौरा चूना पत्थर खदान नीलामी के विरोध में ग्राम चूल्हि में ग्रामवासियों कि चौपाल आयोजित कि गईं।चौपाल कि अध्यक्षता टोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी नें कि। चौपाल में पहुंचे ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए उमेश तिवारी नें कहा कि जिस धरती के नीचे खनिज संसाधन है उसी धरती के ऊपर रहने वाले नागरिक सत्ता और संपत्तिवान के द्वारा सताए जा रहे है। गरीबी में रहने वाले 60% से अधिक लोग उन देशों में रह रहे हैं जिनके पास तेल, गैस और खनिज जैसे मूल्यवान और प्रचुर प्राकृतिक संसाधन हैं। पर विरोधाभास देखिए , इनमें से अधिकांश नागरिक शायद ही कभी इस संपत्ति को साझा करते हैं। श्री तिवारी नें कहा कि यदि क्षेत्र की उपजाऊ कृषि भूमि पर खनन किया गया और उसे प्रदूषित किया गया तो न केवल संपूर्ण कृषि उद्योग, बल्कि किसान, खेत मजदूर, पशुपालक और कृषि उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक अपना रोजगार खो देंगे और अन्यत्र पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिससे वे गरीबी और असुरक्षित स्थिति में पहुंच जाएंगे। चौपाल को संबोधित करते हुए का. उर्मिला रावत ने कहा कि चूना पत्थर खदान के लिए 12 गांव का विस्थापन तक कि बात नहीं है इस तरह का उजाड़ कंपनियों के फायदे के लिए देश में व्यापक पैमाने पर हो रहा है। अपनी बात रखते हुए आरएमपी मिश्रा ने कहा कि विस्थापन से जब लोगों का आशियाना उजड़ता है किसानी छुटती है उस पीड़ा को सिंगरौली में जाकर देख सकते हैं जहां के लोग दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। जहां कंपनी पहुंचती है वहां की स्थिति भयावह होती है। अपनी बात रखते हुए प्रभात वर्मा ने कहा कि कंपनी जहां आती है सबसे पहले दलाल सक्रिय होते हैं और गांव वालों में आपसी फूट पैदा करने का काम करते हैं उसके बदले में दलालों को कुछ दलाली मिल जाती है। अपनी बात रखते हुए विवेक कोलल ने कहा कि कंपनी जब आती है तो उसकि प्राथमिकता में हमारा विकास नहीं होता बल्कि उसका मकसद मुनाफा कमाना रहता है। अपनी बात रखते हुए विकास तिवारी ने कहा कि 12 गांव को बेचने हेतु सरकार कंपनी से तय कर चुकी है कुछ राशि मुआवजा के नाम पर दी जाएगी पर इससे हमारी जिंदगी सवरेगी नहीं बल्कि उजड़ेगी। अपनी बात रखते हुए सुकुमार सिंह ने कहा कि हमारा गांव दुमका मूसा मूवी अधिगम प्रभावित गांव है हम 10 साल से लड़ रहे हैं कंपनी के लिए अधिग्रहण अधिकारी और नेताऑ के सांठ गांठ से होता है। चौपाल को इन्होंने भी संबोधित किया कामरेड गुरु प्रसाद कोल, मोहम्मद निसार आलम, विजय लाल, विश्वनाथ भारती, राजबहोर विश्वकर्मा, बद्री विश्वकर्मा, अवध लाल विश्वकर्मा, शिवकुमार विश्वकर्मा, राम सुलोचन विश्वकर्मा, जयप्रकाश विश्वकर्मा, रामलाल विश्वकर्मा, लालमणि यादव, राजू विश्वकर्मा, मुन्नी कोल पार्वती विश्वकर्मा, रामटहल यादव, महेश साहू, विवेक विश्वकर्मा, श्याम विश्वकर्मा, जिवेन्द्र विश्वकर्मा, श्यामलाल विश्वकर्मा, संतोष विश्वकर्मा। चौपाल का संचालन मनोज कोल के द्वारा किया गया। चौपाल के बाद चूल्हि बड़ौरा चूना पत्थर खदान विरोधी 15 सदस्य समिति का गठन किया गया।