सीधी (ईन्यूज़ एमपी): ललितपुर-सिंगरौली-सीधी रेल लाइन से प्रभावित सैकड़ों भूमिहीन परिवारों और किसानों के लिए शिवसेना का अनिश्चितकालीन आंदोलन 136वें दिन भी जारी है। रोजगार और मुआवजा की मांग को लेकर ये संघर्ष अब और तीव्र होता जा रहा है। शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, "स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि पीड़ितों की अनदेखी कर रहे हैं। किसान-मजदूरों के अधिकारों को कुचला जा रहा है। यह तानाशाही रवैया अब और बर्दाश्त नहीं होगा।" आंदोलन में बढ़ता आक्रोश: रेलवे बजट में घोटाले और किसानों के नाम पर "काली कमाई" के आरोप लगाते हुए शिवसेना ने आगामी 10 जनवरी को संभाग आयुक्त कार्यालय का घेराव करने की तैयारी कर ली है। प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आक्रोश आंदोलन बड़े स्तर पर छेड़ा जाएगा। मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी: रोजगार और उचित मुआवजा: शिवसेना के साथ प्रदर्शनकारी किसानों और मजदूरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उनके रवैये का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की भागीदारी: शिवसेना के नेतृत्व में आंदोलन में शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे, सुनील रावत, जैनेंद्र सिंह चौहान, और आनंद कुमार साहू समेत सैकड़ों लोग शामिल हैं। प्रदर्शन स्थल पर महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों की भी भारी भागीदारी देखी जा रही है। "हक की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे" शिवसेना ने साफ कर दिया है कि यदि प्रशासन ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और उग्र हो जाएगा। यह आंदोलन अब सिर्फ रेल लाइन प्रभावितों का नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति का बन गया है। मांगों को लेकर जारी रहेगा संघर्ष शिवसेना का कहना है कि यह संघर्ष उनके हक और अधिकार के लिए है, जिसे अब किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।