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Home सीधी दर्पण सीधी में श्रीराम कथा का रसास्वादन: आचार्य बालाव्यंकटेश शास्त्री ने सुनाई राम की अद्भुत बाललीला

सीधी में श्रीराम कथा का रसास्वादन: आचार्य बालाव्यंकटेश शास्त्री ने सुनाई राम की अद्भुत बाललीला

सीधी (ईन्यूज़ एमपी): सीधी के पूजापार्क में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दौरान प्रसिद्ध कथा प्रवक्ता पं. बालाव्यंकटेश महाराज ने भगवान राम की अद्भुत बाललीला का जीवंत और मंत्रमुग्ध कर देने वाला वर्णन किया। महाराज ने कहा कि प्रेमी की दृष्टि में भगवान श्रीराम का प्राकट्य हुआ है, जबकि ज्ञानी की दृष्टि में ब्रह्म सदैव अजर और अमर है।

राम के प्रगटोत्सव का अनोखा वर्णन
महाराज जी ने राम प्रगटोत्सव का वर्णन करते हुए कहा कि जब श्रीराम जन्मे, तो नर-नारी ही नहीं, सरयू मैया भी उनकी किलकारी सुनने प्रकट हो गईं। उन्होंने लोक रीति, लोक नीति, और लोक आस्था के माध्यम से रामकथा को भारतीय ज्ञान परंपरा का आधार बताया।

रामचन्द्र नाम की कथा
कथा में महाराज ने चंद्रमा और भगवान राम के संवाद का रोचक प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि चंद्रमा ने भगवान से अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि सूर्य के रथ के कारण वह राम के दिव्य स्वरूप का दर्शन नहीं कर सकता। इस पर भगवान ने वादा किया कि अगले जन्म में उनका नाम "रामचन्द्र" होगा, जिससे चंद्रमा भी गौरवान्वित होगा।

गुरु की महिमा का गुणगान
कागभुसुण्डी के माध्यम से गुरु का महत्व बताते हुए महाराज ने कहा कि भगवान तक पहुंचने के लिए गुरु का साथ अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, "पकड़ लो हाथ बनबारी, नहीं तो मैं डूब जाऊँगा।"

राम की बाललीला का रसास्वादन
राम की बाललीला का वर्णन करते हुए महाराज ने कहा कि राम के नेत्रों से नेत्र मिल जाएं तो अयोध्या, चित्रकूट और वृंदावन ही याद आते हैं। उन्होंने श्रोताओं को मानव जीवन को सार्थक बनाने के लिए रामकृपा की ओर प्रेरित किया।

श्रोताओं का उत्साह और भक्ति का माहौल
पूजापार्क में कथा के बीच-बीच में राम पर केंद्रित भजन-कीर्तन ने समां बांध दिया। श्रोतागण भक्ति के भाव में झूमते और नृत्य करते नजर आए। रामकथा का यह दिव्य आयोजन 11 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा।

कथा के पूर्व वरिष्ठ अधिवक्ता लालमणि सिंह चौहान, पूर्व सीएमओ मुकुटधारी सिंह, डॉ. लहरी सिंह और अन्य अतिथियों ने पं. बालाव्यंकटेश महाराज का अभिनंदन किया।

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