सीधी (ईन्यूज़ एमपी): तीन साल से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे नायब तहसीलदार लवलेश मिश्रा का आखिरकार निधन हो गया। उनके निधन की खबर से प्रशासनिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। यह दुखद घटना 2020 की उस रात की भयावह यादों को ताजा कर गई, जब कुसमी तहसील में ड्यूटी के दौरान उन पर टांगी से जानलेवा हमला किया गया था। 1 सितंबर 2020 की वह शाम, जब लवलेश मिश्रा कुसमी में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे, एक हमलावर ने कुल्हाड़ी से उनके सिर पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद तत्कालीन कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए रीवा रेफर किया। इस कठिन समय में तत्कालीन एसडीएम नीलांबर मिश्रा और तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला समेत जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके परिवार को हर संभव सहयोग दिया। गंभीर चोटों के चलते लवलेश मिश्रा तीन साल तक जिंदगी के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन इन तीन वर्षों में उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका। आखिरकार, बीते दिन यह जंग खत्म हुई और उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंशुमन राज सहित अधिकारियों और कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करने की प्रार्थना की गई। लवलेश मिश्रा पहाड़ी क्षेत्र के निवासी थे और प्रशासन में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। उनके पिता त्रिपुरारदत्य मिश्रा और परिवार पर इस घटना का गहरा असर हुआ है। प्रशासनिक सेवा में उनका समर्पण और उनकी प्रतिबद्धता को हमेशा याद किया जाएगा।