सीधी (ईन्यूज एमपी): सीधी जिले की गौशालाओं में गोवंश की मौतों और अव्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह सख्त हो गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, IAS अंशुमन राज ने जिले की सभी गौशालाओं के निरीक्षण और पर्यवेक्षण के लिए एक समिति का गठन किया है। ग्राम पंचायतों में 2019-20 और 2020-21 में कुल 60 गौशालाओं की स्वीकृति दी गई थी। इसके बावजूद आवारा मवेशियों के कारण किसानों की फसलों को नुकसान, सार्वजनिक रास्तों पर आवारा पशुओं की भरमार, और दुर्घटनाओं की शिकायतें लगातार आ रही हैं। यही नहीं, गौशालाओं में गोवंश की मौतों की खबरें भी प्रशासन तक पहुंच रही हैं। सख्त निर्देश और कार्रवाई का अल्टीमेटम जारी आदेश के अनुसार, निरीक्षण समिति में तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, और खंड पशु चिकित्सा अधिकारी को शामिल किया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि 30 दिसंबर 2024 तक सभी गौशालाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज गौशालाओं में किसी भी तरह की लापरवाही की स्थिति में संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर कोई शिकायत झूठी पाई गई, तो उसका तुरंत खंडन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा। अब मवेशियों के साथ लापरवाही पर खैर नहीं यह आदेश स्पष्ट संकेत देता है कि सीधी जिले की गौशालाओं में गोवंश की मौत या लापरवाही को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौशालाओं की स्थिति सुधारने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई का यह कदम जिले में पशुपालन और किसानों की समस्याओं को लेकर एक बड़ा संदेश है।