भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने समाज में नैतिक मूल्यों और बुजुर्गों की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि नैतिक मूल्य ही समाज को सही दिशा और विकास का आधार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने बुजुर्गों के सम्मान और कल्याण को प्राथमिकता दी है। आयुष्मान भारत योजना में सभी वर्गों के वरिष्ठ नागरिकों को बिना आय सीमा के शामिल करना इसकी मिसाल है। राजेन्द्र शुक्ल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि संपूर्ण विकास का मतलब केवल भौतिक प्रगति नहीं, बल्कि मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक संतुलन भी है। उन्होंने कहा कि भारत अपने संस्कार और परंपराओं को सशक्त बनाकर विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। श्री शुक्ल ने बुजुर्गों को समाज का "चलता-फिरता इनसाइक्लोपीडिया" बताते हुए कहा कि उनके अनुभव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे बुजुर्गों के साथ समय बिताएं और उनके अनुभवों का लाभ उठाएं। श्री शुक्ल ने कहा, "बुजुर्गों की सेवा और सम्मान भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। उनका आदर और उनसे सीखना समाज को सशक्त बनाने की सच्ची राह है।" उप मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि भारत 2047 तक एक महाशक्ति और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर होगा। उन्होंने नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह बुजुर्गों के प्रति सम्मान और समाज की समृद्धि का मूलमंत्र है।