सीधी(ईन्यूज़ एमपी): रीवा-सीधी खंड को चार-लेन में विस्तारित करने के लिए भारतमाला परियोजना के तहत एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना के लिए सीधी जिले के 26 गांवों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य सरकार के अनावश्यक खर्च को नियंत्रित करना और इस परियोजना की गति को बनाए रखना है। हाल ही में, परियोजना निदेशक आनंद प्रसाद द्वारा कलेक्टर को एक पत्र लिखा गया, जिसमें तहसील चुरहट और तहसील गोपद बनास के प्रभावित गांवों में भूमि की खरीद, बिक्री, बटांकन एवं डायवर्जन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है। इस पत्र में NHAI ने जोर दिया है कि अगर इस रोक को तुरंत नहीं लगाया गया, तो सरकार को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है। दरअसल भारतमाला परियोजना के अंतर्गत, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-39 के रीवा-सीधी खंड को चौड़ा कर दो-लेन से चार-लेन में परिवर्तित करने की योजना है। इस हाईवे के चौड़ीकरण से मध्य प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यातायात सुगम होगा। इसके लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को मेसर्स ICT कंपनी द्वारा तैयार किया जा रहा है। प्रभावित गांवों की सूची भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले प्रमुख गांवों में शामिल हैं: तहसील चुरहट: सर्रा तहसील गोपद बनास: कठौतहा, मिर्चवार, बढ़ौरा, कुबरी, तेन्दुआ, सोनवर्षा, पनवार चौहानन, पनवार वघेलान, नौगवां धीरसिंह, बसौड़हा, जमोड़ी सेगरान, पनवार सेंगरान, मुठिगंवाकलां, पड़रा, मौहरियाकला, सीधी खुर्द, खैरही, रामगढ़, मूढ़ी, सोनाखड़, कोठार, जौरोधा, बटौली, जोगीपुर दक्षिण, जोगीपुर उत्तर, नौगवां दर्शनसिंह। कलेक्टर को लिखे गए पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि 3(0) की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और 3(A) की प्रक्रिया पर काम जारी है। इन प्रावधानों के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को कानूनी रूप से पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आर्थिक नुकसान की आशंका NHAI ने स्पष्ट किया है कि यदि भूमि की खरीद, बिक्री, बटांकन और डायवर्जन की प्रक्रिया पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो सरकार को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए, कलेक्टर से अनुरोध किया गया है कि वे सभी रजिस्ट्रार और संबंधित अधिकारियों को तत्काल आदेश जारी करें ताकि भूमि हस्तांतरण और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं पर रोक लगाई जा सके। अब देखना यह है कि कलेक्टर और संबंधित अधिकारी इस पर कितनी तेजी से कार्रवाई करते हैं और क्या इस भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में प्रभावित लोगों के हितों की रक्षा की जाती है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-39 के चौड़ीकरण की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए उठाए गए कदम ने सीधी जिले के ग्रामीणों के बीच हलचल मचा दी है। सभी की निगाहें अब कलेक्टर और स्थानीय प्रशासन की ओर हैं कि वे इस मामले में किस प्रकार से कदम उठाते हैं।