भोपाल(ईन्यूज़ एमपी): मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों को पिछले 25 वर्षों से महंगाई भत्ते (DA) के आधार पर वेतन दिया जाता था। 22 जुलाई 2023 को नई संविदा नीति लागू होने के बाद अब इन कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की जगह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर वेतन मिल रहा है। इससे राज्य के सवा लाख संविदा कर्मचारियों की सैलरी में प्रति माह 6 हजार रुपये तक का नुकसान हो रहा है। क्या है CPI और DA का अंतर: उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का मतलब है एक निश्चित बास्केट में शामिल वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में समय के साथ बदलाव को मापना। इसमें अनाज, दूध, कपड़े, चिकित्सा देखभाल, आवास लागत जैसी चीजें शामिल होती हैं। पहले कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के आधार पर सैलरी मिलती थी, जिससे वे बढ़ती महंगाई का सामना कर पाते थे। संविदा नीति में बदलाव: जुलाई 2023 में संविदा कर्मचारियों के लिए नई नीति के अनुसार अब वेतन CPI इंडेक्स से निर्धारित हो रहा है। पहले इन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह छठे वेतनमान के अनुसार DA के साथ वेतन मिलता था, परंतु अब यह CPI इंडेक्स पर आधारित है, जिससे वेतन में गिरावट हुई है। संविदा कर्मचारी संगठन ने इस फैसले को कर्मचारियों के लिए घाटे का सौदा बताया है। संविदा कर्मचारियों की मांग: संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि नई नीति से संविदा कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ा है। नियमित कर्मचारियों को जहां 50 प्रतिशत DA मिल रहा है, वहीं CPI इंडेक्स से संविदा कर्मचारियों को अपेक्षाकृत कम वेतन मिल रहा है। संगठन ने मुख्य सचिव को इस समस्या का समाधान प्रस्तुत करने का प्रस्ताव दिया है।