सीधी (ईन्यूज़ एमपी): सिहावल विधानसभा के ग्राम पंचायत तरका में गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन विधायक विश्वामित्र पाठक के नेतृत्व में किया गया, जहां श्यामा कामधेनु गौशाला परिसर में मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत गोवर्धन पूजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में परंपरागत पूजा-अर्चना के बाद गौमाताओं का विशेष सम्मान किया गया, उन्हें चारा और फल खिलाकर सम्मानित किया गया। विधायक विश्वामित्र पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि गौसेवा हमारी सनातन संस्कृति और जीवनशैली का अभिन्न अंग रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने गौसंरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रति गौवंश प्रोत्साहन राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये किया है ताकि गौशालाओं का संचालन बिना किसी बाधा के हो सके। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील की कि वे अपने गौवंश की सेवा अपने घर पर करें, क्योंकि गौशालाएं केवल उन पशुओं के लिए बनाई गई हैं जिनका कोई मालिक नहीं है। कार्यक्रम में उपस्थित उपखंड अधिकारी सिहावल एस. पी. मिश्रा ने गौशाला प्रबंधन, गोवर्धन पूजा, और पशुपालन से जुड़ी योजनाओं की जानकारी साझा की, जिससे स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ी। इस आयोजन में श्यामकली प्रजापति (सरपंच तरका), इंद्रभान सिंह (नायब तहसीलदार), शिफाली गुप्ता (पशु चिकित्सक), और अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधि, गौशाला प्रबंधन समूह की महिलाएं, और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। सभी ने गौमाता की सेवा और संरक्षण का संकल्प लिया, जिससे यह आयोजन क्षेत्र में एक प्रेरणादायक पहल के रूप में उभरा। गोवर्धन पूजा के इस विशेष अवसर ने न केवल धार्मिक उत्साह का संचार किया बल्कि गौसंरक्षण की दिशा में एकता का संदेश भी दिया, जिससे सिहावल क्षेत्र में पारंपरिक संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी का समावेश हुआ। जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू सिंह ने इस अवसर पर दीपावली और गोवर्धन पूजन की शुभकामनाएं दीं और पर्यावरण संरक्षण को हमारी सांस्कृतिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि हमारे पर्वों में प्रकृति संरक्षण का संदेश छुपा है। जनपद अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह परिहार ने गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा सुनाकर इसके महत्व पर प्रकाश डाला, और गोवंश संरक्षण में नागरिकों से सहयोग की अपील की। वहीं इस कार्यक्रम में लोक कलाकारों द्वारा सैला और कर्मा नृत्य की प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनके लिए विधायक पाठक ने उन्हें प्रोत्साहन राशि भी भेंट की। गौसेवकों को सम्मानित करते हुए कार्यक्रम को विशेष रूप से संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने वाला बताया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत सदस्य, और विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे।