सीधी (ईन्यूज़ एमपी): धौहनी विधानसभा के कुसमी ब्लॉक स्थित ग्राम पंचायत हांडा, भदौरा और भैंसवाही के ग्रामीणों ने शिवसेना के नेतृत्व में अपनी समस्याओं को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे ने बताया कि यह ग्रामीण छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे हैं और सीधी मुख्यालय से करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय कर अपनी शिकायतें लेकर आए हैं। आज भी ये ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और अंधेरे में जीवन बिता रहे हैं। इन गाँवों में बिजली नहीं है, और जंगल विभाग से प्रताड़ित होकर ये आदिवासी समुदाय के लोग संजय टाइगर रिजर्व के बीचों-बीच जीवन यापन कर रहे हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे ने कहा कि इन आदिवासी परिवारों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बावजूद, ये लोग आज भी विकास से कोसों दूर हैं। पंचायत के अधिकारियों पर आरोप है कि वे योजनाओं के लाभ से इन ग्रामीणों को वंचित रख रहे हैं और विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ग्रामीणों को ट्राइबल विभाग या पेसा एक्ट का कोई लाभ नहीं मिल रहा, जिससे उनका जीवन अंधकारमय बना हुआ है। विवेक पांडे ने कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी सत्ताधारी नेता इन आदिवासी परिवारों के नाम पर केवल दिखावटी राजनीति कर रहे हैं। इन परिवारों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय वे फर्जी कागजी कार्यवाही में व्यस्त हैं। हम इन गरीब ग्रामीणों की इस दुर्दशा को लेकर चुप नहीं बैठेंगे। यदि इन पीड़ित परिवारों को शीघ्र ही न्याय और सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिला, तो हम जिम्मेदार विभागों का घेराव करेंगे। इन परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए शिवसेना हर संभव प्रयास करेगी।" इस मौके पर शिवसेना जिला अध्यक्ष बेनाम सिंह बघेल और अनेक पीड़ित ग्रामीण, जिनमें धनेश्वर सिंह, तुलसी सिंह, रामधवन, शिवकुमार सिंह, रंगदेव सिंह, फूलचंद सिंह, दिलकरण सिंह, प्रताप सिंह, लल्ली सिंह, हिम्मत बहादुर सिंह, अर्चना सिंह, राजभान सिंह, तेज प्रकाश बैगा, गैबी सिंह, विजय सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे।