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MP में पहली बार भव्य शस्त्र पूजन: मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम, मंत्री और अधिकारी करेंगे ऐतिहासिक आयोजन..

भोपाल (ईन्यूज एमपी): दशहरे के शुभ अवसर पर इस वर्ष मध्य प्रदेश में पहली बार बड़े पैमाने पर शस्त्र पूजन का आयोजन किया जा रहा है, जो राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और उच्च अधिकारी तक, सभी अपने-अपने क्षेत्रों में शस्त्रों की पूजा करेंगे, जिससे वीरता और सुरक्षा के प्रतीक शस्त्रों को सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन राज्य भर में एक नई परंपरा की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

महेश्वर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे भव्य शस्त्र पूजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव महेश्वर में शस्त्र पूजन का नेतृत्व करेंगे, जो कि राज्य के इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल को और भी महत्वपूर्ण बना देगा। महेश्वर, जो अपनी गौरवशाली परंपरा और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है, इस विशेष आयोजन के केंद्र में रहेगा। मुख्यमंत्री द्वारा शस्त्रों की पूजा न केवल सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करेगी, बल्कि यह राज्य की वीरता और सुरक्षा का संदेश भी पूरे प्रदेश में फैलाएगी।

महेश्वर का यह आयोजन विशेष रूप से भव्य होगा, जिसमें स्थानीय अधिकारी, प्रतिष्ठित लोग और बड़ी संख्या में जनता भी शामिल होगी। इस आयोजन से राज्य में शौर्य और साहस की भावना को और मजबूती मिलेगी।

वहीं राजधानी भोपाल में डिप्टी मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा शस्त्र पूजन का आयोजन किया जाएगा। भोपाल में होने वाला यह आयोजन विशेष महत्व का होगा, क्योंकि राजधानी में शस्त्र पूजन का भव्य आयोजन प्रदेश भर के लिए एक प्रेरणा का काम करेगा। डिप्टी सीएम के नेतृत्व में इस आयोजन में अधिकारियों और जनता की व्यापक भागीदारी होगी।

रीवा में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल करेंगे शस्त्र पूजन
विंध्य क्षेत्र के प्रमुख नेता और मध्य प्रदेश शासन के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल रीवा में शस्त्र पूजन का आयोजन करेंगे। रीवा, जो कि अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल द्वारा शस्त्रों की पूजा विंध्य क्षेत्र की गौरवशाली परंपराओं को सम्मानित करेगी। रीवा में यह आयोजन विशेष रूप से धूमधाम से किया जाएगा, जहाँ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और अधिकारी शामिल होंगे।

इस बार केवल मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्री ही नहीं, बल्कि राज्य के उच्च अधिकारी भी शस्त्र पूजन में शामिल होंगे। विभिन्न जिलों में प्रशासनिक अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी अपने-अपने क्षेत्रों में शस्त्र पूजन करेंगे। यह कदम राज्य के हर कोने में शौर्य और साहस की भावना को जागृत करने की दिशा में उठाया गया है।

दशहरे के अवसर पर शस्त्र पूजन भारतीय संस्कृति में सदियों से चली आ रही परंपरा है, जिसे वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है। मध्य प्रदेश में इस बार इसे भव्य और ऐतिहासिक रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। राज्यभर में यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का होगा, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की भावना को भी प्रबल करेगा।

मध्य प्रदेश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में नेता, मंत्री और अधिकारी एक साथ शस्त्र पूजन करेंगे, जिससे यह आयोजन ऐतिहासिक बन जाएगा। इस कदम से राज्य की संस्कृति को सम्मान और सुरक्षा की भावना को बल मिलेगा, और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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