भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर से भारी कर्ज लेने जा रही है! 15 दिनों के भीतर दूसरी बार सरकार ने 5000 करोड़ रुपये का कर्ज उठाने का ऐलान किया है। सरकारी दस्तावेज़ों के अनुसार, 2500 करोड़ रुपये का नया कर्ज लिया जाएगा। अब प्रदेश पर कुल कर्ज 3 लाख 95 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुका है! 5000 करोड़ की कर्ज की मिस्ट्री! पिछले 15 दिनों में, एमपी सरकार ने दो बार में कुल 5000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। आज के कर्ज में 11 साल की अवधि तय की गई है, यानी यह 2035 तक चुकाना होगा। इससे पहले सरकार ने 19 साल की अवधि वाला एक और कर्ज उठाया था, जिससे राज्य का वित्तीय बोझ लगातार बढ़ रहा है। सरकार का दावा है कि यह कर्ज प्रदेश में विकास परियोजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए लिया जा रहा है। सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार की मंजूरी से यह कर्ज लिया जा रहा है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 293(3) के अंतर्गत अनिवार्य है। दिलचस्प बात यह है कि यह कर्ज भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की नीलामी प्रक्रिया के तहत बेचा जाएगा। मुंबई स्थित आरबीआई का पीडीओ ऑफिस इस कर्ज को बेचने की जिम्मेदारी निभाएगा। कर्ज की दर भी नीलामी में तय की जाएगी। एक तरफ सरकार इसे प्रदेश के विकास के लिए जरूरी कदम बता रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष ने सरकार पर कर्ज के बोझ तले प्रदेश को डुबाने का आरोप लगाया है। 3.95 लाख करोड़ का कर्ज प्रदेश की आर्थिक सेहत पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह कर्ज राज्य की वित्तीय स्थिति पर कैसा असर डालता है, और क्या सरकार इसे सही तरीके से संभाल पाएगी या फिर विपक्ष की चिंताएं सही साबित होंगी?