सीधी( ईन्यूजएमपी) __ 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध किशोर न्याय बालकों की देखरेख व संरक्षण अधिनिमय 2015 की धारा 76 के अंतर्गत दंडनीय कार्यवाही की जायेगी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अंशुमान राज द्वारा जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक में मध्यप्रदेश शासन महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम एवं भिक्षावृत्ति मे संलग्न परिवारों के समग्र पुनर्वास के लिये 11 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक संपूर्ण जिले में अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया गया है। पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, नगरीय प्रशासन व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से अभियान चलाकर भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का पुनर्वास किया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे से भीख मंगवाते हुये पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जावेगी। उप पुलिस अधीक्षक गायत्री तिवारी ने बताया कि जिले में पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक सीधी डॉ. रविन्द्र वर्मा के निर्देशन में जिला पुलिस बल द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हो रहे अपराधों एवं घरेलू हिंसा की रोकथाम तथा सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जागरूक करने हेतु विशेष जागरूकता अभियान “मैं भी अभिमन्यु“ 03 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक चलाया जा रहा है। महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है कि समाज में लड़कों एवं पुरुषों को न केवल महिला संबंधी अपराधों के लिए जागरूक किया जाए, बल्कि उन्हें संवेदनशील बनाया जाकर पूर्वाग्रह मुक्त सकारात्मक व्यवहार विकसित किया जाए। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर विशेषकर पुरुषों को जागरुक करने हेतु अभिमन्यु जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी आर सी त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि विभिन्न विद्यालयों मे पाक्सो अधिनियम व गुड टच व वेड टच के संबंध में प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं तथा समस्त शासकीय, अशासकीय विद्यालयों तथा छात्रावासों में कार्यरत कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाने का निर्देश दिये गये हैं। विद्यालय वाहनों में कार्यरत चालक व परिचालक का भी पुलिस वेरिफिकेशन कराया जायेगा। श्री त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम अभियान के साथ-साथ बच्चों को बालश्रमिक के रूप में नियोजित करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध भी कठोर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। सड़क पर रहने वाले बच्चों तथा अनाथ व निराश्रित बच्चों का सर्वे कर शासन द्वारा दी जाने वाली संस्थागत व गैर संस्थागत सेवाओं, फास्टर केयर, स्पासंरशिप आदि से लाभान्वित किया जायेगा। बच्चों का चिंहाकन आंगनवाडी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव, स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से किया जायेगा। जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक में समस्त उपखण्ड अधिकारी सिहावल एसपी मिश्रा, मझौली आरपी त्रिपाठी सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।