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Home मध्य प्रदेश तनाव प्रबंधन में आध्यात्म की भूमिका विषय पर व्याख्यान राजयोगिनी ऊषा दीदी और कमिश्नर बीएस जामोद ने दिया जीवन को सरल बनाने का संदेश

तनाव प्रबंधन में आध्यात्म की भूमिका विषय पर व्याख्यान राजयोगिनी ऊषा दीदी और कमिश्नर बीएस जामोद ने दिया जीवन को सरल बनाने का संदेश

रीवा(ईन्यूज़ एमपी)- माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में "तनाव प्रबंधन में आध्यात्म की भूमिका" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी ऊषा दीदी ने अपने संबोधन में बताया कि हर व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी रूप में तनाव होता है, और जब आध्यात्मिक ऊर्जा कमजोर हो जाती है, तो तनाव हावी हो जाता है। आध्यात्मिक ऊर्जा को सुदृढ़ बनाने से जीवन में तनाव नहीं होगा। जैसे शरीर के लिए पोषण और व्यायाम आवश्यक है, वैसे ही मन को सकारात्मक विचारों से सुदृढ़ करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति मन से कमजोर होता है, तो बाहरी परिस्थितियाँ उस पर प्रभाव डालने लगती हैं। इससे तनाव उत्पन्न होता है और जीवन कठिनाई से भर जाता है। लेकिन सकारात्मक चिंतन और आध्यात्मिक शक्ति से इन समस्याओं का समाधान संभव है। ध्यान, योग और सकारात्मक विचारों के अभ्यास से आत्मा और मन सशक्त हो सकते हैं।

आध्यात्मिकता और धर्म के बीच अंतर को स्पष्ट करते हुए ऊषा दीदी ने कहा कि धर्म सीमाएँ बनाता है, जबकि आध्यात्म मन को ईश्वर से जोड़ता है। आध्यात्मिकता हमें जीवन के गहरे अर्थों की समझ देती है और हमारे मन को शांति और संतुलन प्रदान करती है।

कार्यक्रम में रीवा के कमिश्नर बीएस जामोद ने कहा कि योग, ध्यान और आध्यात्म को अपनाने से जीवन में तनाव कम होगा और सुख-शांति प्राप्त होगी। इस अवसर पर रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के साथ-साथ अनेक प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का आयोजन जन अभियान परिषद और प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा किया गया, और समापन पर सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया गया।

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