भोपाल (ईन्यूज़ एमपी)- मध्य प्रदेश को बिड़ला ग्रुप ने एक बड़ी सौगात दी है। जिसमे विंध्य रीजन के सतना और मैहर के बाद उज्जैन के बड़नगर में एक नए सीमेंट प्लांट की स्थापना की घोषणा की गई है। इस परियोजना की लागत 3,500 करोड़ रुपये होगी, और यह राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। यह घोषणा कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बिड़ला ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ संदीप घोष द्वारा की गई, जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए। समिट में एमपी बिरला ग्रुप के एमडी संदीप घोष ने प्रदेश के विंध्य रीजन का भी बखूबी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सात दशक पहले सतना में पहला सीमेंट प्लांट लगा था। बिरला सीमेंट को सतना सीमेंट के नाम से जाना जाता था। इस दौरान एमपी में जो बदलाव हुआ है, वह देखने लायक है। निरंतरता के साथ बदलाव का असर देखा जा सकता है। रीवा व्हाइट टाइगर और यूनिवर्सल केबल प्लांट के लिए मशहूर है। मैंहर में भी सीमेंट प्लांट लगा है। इसके अलावा घोष ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोलकाता से भोपाल, जबलपुर के लिए कोई सीधी फ्लाइट नहीं है, इसे शुरू किया जाना चाहिए। घोषणा के मुख्य बिंदु: 1. नया सीमेंट प्लांट: बिड़ला ग्रुप उज्जैन के बड़नगर में 3,500 करोड़ रुपये की लागत से एक सीमेंट प्लांट स्थापित करेगा। यह बिड़ला ग्रुप का राज्य में तीसरा सीमेंट प्लांट होगा। इससे पहले सतना और मैहर में पहले से ही सीमेंट प्लांट संचालित हो रहे हैं। 2. निवेश अवसर: इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश को कुल 19,270 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन निवेशों से लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख निवेशक हिमाद्री केमिकल्स (5,425 करोड़), श्याम मेटालिक्स (5,000 करोड़), और जुपिटर सोलर (2,500 करोड़) शामिल हैं। 3. कोलकाता से सीधी फ्लाइट की मांग: संदीप घोष ने इस अवसर पर कोलकाता से भोपाल और जबलपुर के लिए सीधी उड़ान सेवा शुरू करने की मांग की, ताकि व्यापारिक और औद्योगिक संपर्क और बेहतर हो सके। वहीं कार्यक्रम में शिरकत के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार की नीतियां अब बिजनेसमैन के प्रति अधिक सकारात्मक हैं। सरकार उद्योगों और निवेश को आमंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, और यदि किसी नीति में बदलाव की आवश्यकता होगी, तो वह भी किया जाएगा। उनका मानना है कि अगर मध्य प्रदेश को औद्योगिक हब बनाना है, तो बड़े स्तर पर निवेशकों को आकर्षित करना आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि पहले राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) केवल एक शहर तक सीमित थी, लेकिन अब इसे व्यापक बनाया गया है ताकि पूरे प्रदेश में निवेश के अवसर बढ़ें। मध्य प्रदेश का कपास उत्पादन देशभर में जाता है, और रेडीमेड वस्त्र उद्योग की भी यहां बड़ी संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य की खनिज संपदा, कृषि उत्पादों, और औद्योगिक विकास के महत्व को भी उजागर किया। औद्योगिक संभावनाएं: मध्य प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है। राज्य का कच्चा माल अन्य राज्यों और देशों में भेजा जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री का उद्देश्य है कि अब इस कच्चे माल का प्रदेश में ही अधिकतम उपयोग हो, जिससे स्थानीय उत्पादन और रोजगार बढ़े। इसके साथ ही निवेशकों को तेजी से सभी आवश्यक अनुमतियां और स्वीकृतियां दी जाएंगी। दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक संबंध: मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के बीच बेहतर व्यापारिक और औद्योगिक संबंधों की बात की। मध्य प्रदेश के सोयाबीन, गेहूं, और अन्य कृषि उत्पादों की पश्चिम बंगाल में मांग है, जबकि पश्चिम बंगाल के जूट, चाय, और मछली उत्पाद मध्य प्रदेश में लोकप्रिय हैं। यह दोनों राज्यों के बीच व्यापारिक आदान-प्रदान को और बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस कार्यक्रम ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश में निवेश के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं, और सरकार इसके लिए उद्योगपतियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।