भोपाल (ईन्यूज़ एमपी)- मध्यप्रदेश की चिकित्सा शिक्षा को एक बड़ा प्रोत्साहन मिला है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी), नई दिल्ली द्वारा गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी), भोपाल के एनाटॉमी विभाग में 09 अतिरिक्त स्नातकोत्तर (पी.जी.) सीटों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे एनाटॉमी में पी.जी. सीटों की संख्या 2 से बढ़कर 11 हो गई है। इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि पर राज्य के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने जीएमसी की डीन डॉ. कविता सिंह और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह वृद्धि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के सरकार के संकल्प को और मजबूत करेगी। चिकित्सा शिक्षा में नया अध्याय डीन डॉ. कविता सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सीटों की इस वृद्धि से मेडिकल छात्रों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। साथ ही, अध्ययन और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। यह कदम न केवल जीएमसी, भोपाल के लिए लाभकारी होगा, बल्कि प्रदेश के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों को भी संकाय सदस्यों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, जिससे राज्य के समग्र स्वास्थ्य तंत्र को मजबूती मिलेगी। सरकार की प्रतिबद्धता उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने आगे कहा कि राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है कि प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों की गुणवत्ता और संसाधनों में सुधार किया जाए। पी.जी. सीटों में इस वृद्धि से प्रदेश में अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर तैयार होंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार आएगा और राज्य के नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी। राज्य के मेडिकल छात्रों को मिलेगा लाभ इस वृद्धि के साथ ही मेडिकल छात्रों के लिए नए द्वार खुलेंगे। अब अधिक छात्र पी.जी. में प्रवेश लेकर एनाटॉमी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकेंगे। इससे राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों में योग्य शिक्षकों और डॉक्टरों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे समग्र रूप से प्रदेश का स्वास्थ्य ढाँचा और भी सुदृढ़ होगा। भविष्य के लिए नई संभावनाएँ जीएमसी, भोपाल की इस उपलब्धि से प्रदेश के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए भी नए अवसर उत्पन्न होंगे, जो भविष्य में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।