भोपाल(ईन्यूज एमपी)--- राजधानी में स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का दीक्षा समारोह मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित किया गया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में हुए इस दीक्षा समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी शिरकत की। इसके अलावा प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार और विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. एसके जैन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री . मोहन यादव ने योग पर आधारित पुस्तिका एवं दीक्षां समारोह से जुड़ी स्मारिका का विमोचन किया। इसके साथ-साथ डिजिटल युग की ओर कदम बढ़ाते हुए छात्रों को डिजिटल मार्कशीट और डिग्री प्रदान करने की नई सेवा का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को डिजिटल डिग्री एवं मार्कशीट भी प्रदान की गईं। इसके साथ ही बीयू विद्यार्थियों को ऑनलाइन डिजिटल मार्कशीट और डिग्री प्रदान करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इस सेवा का शुभारंभ करते हुए कहा कि इस वर्ष के अतिरिक्त अन्य वर्षों के विद्यार्थियों को भी डिजिटल मार्कशीट प्रदान की जाए। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को उपाधियां एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए।दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ‘शिक्षित मध्यप्रदेश-विकसित मध्यप्रदेश’ की सिद्धि की ओर निरंतर बढ़ते कदम है। उन्होंने घोषणा की कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भविष्य में सभी पात्र छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उपाधि प्रदान करेगामुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि प्रतिष्ठित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों और शोधार्थियों को डिजिटल रूप से उपाधि प्रदान की गई है। मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि निरंतर अत्याधुनिक नवाचारों की ओर बढ़ते इस विश्वविद्यालय में आज से डिजिटल मार्कशीट और डिग्री वितरण की ऑनलाइन सेवा का भी शुभारंभ हो गया है। मेडल व उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी मेधावी विद्यार्थियों और शोधार्थियों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई एवंशुभकामनाएं।बीयू के दीक्षा समारोह में कुल 28 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें 10 स्नातक (यूजी) और 13 स्नातकोत्तर (पीजी) के विद्यार्थी शामिल हैं। साथ ही पांच विद्यार्थियों को प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसके अलावा 94 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया। इनमें विभिन्न विषयों के पीएचडी शोधार्थी शामिल हैं।