सीधी ( ईन्यूज एमपी) प्रकृति के विपरीत खानपान जीवन शैली का सीधा दुष्प्रभाव जन जीवन पर देखा जा रहा है , प्रकृति के इतर दूषित खाद्य सामग्री का सेवन करने के कारण आम जन मानस के स्वास्थ्य पर सीधा बुरा असर पड़ रहा है । प्रकृति के क्षरण को रोंकने और मोटे अनाज का सेवन रहन सहन में परिवर्तन से ही वर्तमान परिस्थितियों का सामना किया जा सकता है अन्यथा इसी तरह आम जनमानस समस्याओं से ग्रसित रहेगा । बतादें कि जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग आर सी त्रिपाठी ने बताया है कि पोषण माह के दौरान शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरक पोषण आहार थीम पर विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया। जिले की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में अभियान अंतर्गत पोषण रैली, सुपोषण दिवस, पोषण मटका, अन्य मोटे अनाज से बने व्यंजनों एवं हरी सब्जियों का प्रदर्शन कर उपस्थित जन समुदाय को उनका महत्व बताया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिले के सभी महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को अपने भोजन में देशी अनाज एवं मौसमी फल-फूल तथा सब्जियों के उपयोग पर जोर देते हुये मोटे अनाजो में छुपे पोषक तत्वों के बारे में विस्तृत रूप से समझाया गया है। वर्तमान समय में गर्भावस्था से ही महिला एवं अन्य परिवार बाजार में मिलने वाले मैगी, चाउमिन, नूडल्स आदि खाद्य पदार्थो का शौकिया रूप से भरपूर उपयोग किया जाता है जिससे शिशु के पैदा होने के पूर्व से ही उसका स्वास्थ्य एवं सोच विचार की शक्ति निचले स्तर पर जाने लगती है किन्तु मोटे अनाजों से घर में तैयार किया हुआ भोजन स्वास्थ्य एवं उत्तम संस्कार कोटि के स्तर पर ले जाने में सक्षम है। अतः प्रकृति से जुड़कर उपलब्ध अनाज, सब्जियों का उपयोग करने से सही मात्रा में पोषक तत्व मिल सकता है।