सीधी ( सचीन्द्र मिश्र) भ्रष्टाचार के मामले में सीधी का नाम हमेशा से अमर रहा है आये दिनों नित नये मामले सामने आते रहे हैं लेकिन जांच और कार्यवाही के नाम पर केबल और केबल निलम्बन तक मामला सीमित रहा है , भ्रष्टाचार के कारणों में राजनीतिक और आर्थिक वातावरण, पेशेवर नैतिकता और आदतें, रीति-रिवाज, परंपरा व जनसांख्यिकी शामिल हैं। लगभग सबको पता है कि भ्रष्टाचार विश्वास को खत्म करता है, लोकतंत्र को कमजोर करता है, आर्थिक विकास को बाधित करता है तथा असमानता, गरीबी, सामाजिक विभाजन और पर्यावरण संकट को बढ़ाता है फिर भी थमने का नाम नही ले रहा ...? नित नये मामले सुर्खियों में छाये रहते हैं , खासकर विंध्य रीजन का सीधी इन तमाम मामलों में हमेशा से बदनाम रहा है , भ्रष्टाचार के यंहा दर्जनों एक से एक बड़े उदाहरण हैं । हाल ही में आर ईएस काण्ड इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है हर कोई अपनी अपनी पीठ थपथपा रहा है ... वर्तमान को अतीत को भी झांकने की आवश्यकता है क्यूं कि यंहा बरचर काण्ड , जेट्रोफा काण्ड , काम के बदले अनाज काण्ड जैसे अनंत उदाहरण रहे हैं परन्तु अतीत से ज्यादा आरईएस अमुख इसलिये है कि वर्तमान समय पर सीधी में त्रिपल आर हाबी हैं । समझना होगा कि सीधी में सबसे बड़ा काण्ड कौन बरचर काण्ड या आरईएस काण्ड ...? बतादें कि सिंचाई विभाग के पूर्व कार्यपालन यंत्री आर .के .श्रीवास्तव के कार्यकाल के दौरान 1994 - 95 के दशक में बरचर कांड हुआ था जो आरईएस कांड से भी कंही बड़ा था उस समय मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और चुरहट के तत्कालीन विधायक रहे पूर्व सांसद गोविंद मिश्रा ने मामले का खुलासा किया था यहां पर बर्चर के नाम पर तत्कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा करोड़ों के भ्रष्टाचार किए गए थे जिसकी हाईप्रोफाइल शिकायत होने पर करीब 30 की संख्या में कार्यपालन यंत्री , संहायक यंत्री और उपयंत्री निलम्बित हुये थे । कांग्रेस के साए में बरचर झलरा कांड और भाजपा के साए में आरईएस कांड लगभग बराबर है किंतु सस्पेंशन न के बराबर है । यूं कंहूं कि कांग्रेस के रिजीम में सिंचाई विभाग के भ्रष्टाचार की भरपाई भाजपा के रिजीम में आरईएस ने पूरी कर दी है ...? कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, जो जस करहि सो तस फल चाखा । मित्रो यह समय समय की बातें हैं कभी बरचर तो कभी आरईएस काण्ड इसमें पीठ थपथपाने की आवश्यकता नही है । आवश्यकता है हम सबको अलर्ट रहने की ...आपके खून पसीने की कमाई सीधी की प्रापर्टी विंध्य से बाहर कंहा कंहा जा रही है ... विकास का जुमला पहने आला अधिकारी पानी की तरह पैसा पानी में बहा रहे हैं ...? आपकी गाढी कमाई मण्डला , अनूपपुर , जैसे अन्य जिलों अन्य प्रांतों की ओर कूच कर रही है और हम सब अनजान हैं किसी एक ज्वलंत मुद्दे पर खुसहाल हैं ...