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आगामी चलित न्यायालय एवं दिव्यांगजन सहायता शिविर की व्यवस्थाओं पर चर्चा एवं एडवोकेसी बैठक आयोजित

सीधी(ईन्यूज एमपी)---  आगामी चलित न्यायालय एवं दिव्यांगजन सहायता शिविर की व्यवस्थाओं पर चर्चा एवं एडवोकेसी बैठक में सांसद डॉ राजेश मिश्रा ने दिव्यांगजनों के चिन्हांकन के लिए तथा उनके निःशक्तता प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष शिविरों के आयोजन के लिए निर्देशित किया। सांसद ने कहा कि कोई भी दिव्यांग शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहे, इसके लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। दिव्यांगजनों से संबंधित सभी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें जिससे लोगों को इसके संबंध में किसी भी प्रकार का भटकाव नहीं हो। दिव्यांगजनों को सभी सहायक उपकरणों की उपलब्धता प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित हो।

आयुक्त निःशक्तजन कल्याण मध्यप्रदेश संदीप रजक ने कहा कि दिव्यांगजनों के हितार्थ शासन द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं की सफलता के लिए आवश्यक है कि जिले के शतप्रतिशत दिव्यांगजनों का चिन्हांकन प्राथमिकता से करें। उन्होंने कहा कि पूर्व में केवल सात प्रकार की अक्षमता को ही दिव्यांगता में शामिल किया गया था। लेकिन अब मेडीकल शारीरिक अक्षमताओं को भी मिलाकर कुल 21 प्रकार की डिसेबिलिटी को दिव्यांगता में शामिल किया गया है। इनमें सिकल सेल एनीमिया, स्पीच एंड लैंग्वेज डिसेबिलिटी, लोविजन, डवारफिज्म, मेंटल इलनेस, हियरिंग इम्पेयर मेट, थैलेसिमिया, हीमोफीलिया भी शामिल है। जिले में दिव्यांगजनों की संख्या 15 हजार को जनसंख्या के अनुपात में कम बताते हुए आयुक्त निःशक्तजन ने कहा कि दिव्यांगता के 21 प्रकारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें, ताकि लोगों में जागरूकता आए। शासकीय कार्यालयों, ग्राम पंचायतों, नगरीय निकायों, चिकित्सालयों, शैक्षणिक संस्थाओं में बोर्ड लगाकर प्रचार-प्रसार करें। इसके साथ ही पुलिस कर्मियों को भी उक्त के विषय में जागरूक कर उनके संवेदीकरण की आवश्यकता है।

सप्ताह में दो दिवस बैठेगा मेडिकल बोर्ड

आयुक्त निःशक्तजन कल्याण ने कहा कि दिव्यांगजनों के शतप्रतिशत निःशक्तता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जिले में अभियान चलाएं। इस दौरान जिला चिकित्सालय में सप्ताह में दो दिवस मंगलवार एवं शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड की सुविधा रहे। साथ ही आवश्यकतानुसार विकासखंड स्तर पर भी शिविरों का आयोजन करें। उन्होंने सभी यात्री बसों में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित सीट तथा किराया में छूट के संबंध में जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं। इसी प्रकार दिव्यांगजनों के लिए स्वरोजगार योजनाओं के प्रकरणों में एलडीएम निगरानी रखें। यह सुनिश्चित करें कि अनावश्यक कारणों से ऋण प्रकरण निरस्त नहीं हों।

आयुक्त निःशक्तजन ने जिले में स्कूल, अस्पताल सहित पीआईयू लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जाने वाले सभी बड़े भवनों में दिव्यांगजनों को बाधा रहित आवागमन के लिए रैम्प की सुविधा की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत सभी भवनों में रैम्प का निर्माण अनिवार्य है। यदि किसी भवन में रैम्प नहीं बना है तो निर्माण एजेंसी को नोटिस जारी कर रैम्प का निर्माण कराये। भवनों में बनाए जाने वाले रैम्प में निर्धारित मानकों का भी पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि पुराने भवनों में लिफ्ट एवं रैम्प के निर्माण के लिए प्रावधान है उक्त के संबंध में इस्टीमेट बनाकर प्रस्तुत करें। आयुक्त निःशक्तजन ने योजनाओं के क्रियान्वयन में स्वयंसेवी संस्थाओं सहभागी बनाने के लिए कहा।

कलेक्टर श्री सोमवंशी ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में सेचुरेशन के लिए जिले में माह जून-जुलाई में शून्य शक्ति अभियान चलाया गया था। इस अभियान के दौरान जिले में 3187 नए हितग्राहियों के सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत किए गए हैं। कलेक्टर ने बताया कि माह सितंबर में जिले में शून्य शक्ति अभियान 2.0 संचालित किया जाएगा जिसमें दिव्यांगजनों से संबंधित योजनाओं का प्राथमिकता से क्रियान्वयन किया जाएगा जिससे कोई भी दिव्यांग शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं रहेगा।

बैठक में अपर कलेक्टर राजेश शाही, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद श्रीवास्तव सहित सभी विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।



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