इंदौर(ईन्यूज एमपी)--- इंदौर अभिभाषक संघ की शुक्रवार को हुई साधारण सभा असाधारण में बदल गई। संघ के 119 वर्ष के इतिहास में पहली बार वार्षिक चुनाव की पारदर्शिता जांचने के लिए समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। समिति में कौन-कौन शामिल होगा यह निर्णय संघ की कार्यकारिणी लेगी।करीब आधा घंटा चली साधारण सभा में जमकर नारेबाजी और हंगामा हुआ। कुछ दिन पहले ही संघ को एक ज्ञापन मिला था। कुछ सदस्यों का आरोप है कि साढ़े पांच माह पहले हुए वार्षिक चुनाव में अपात्र मतदाताओं ने भी मतदान किया है।चुनाव में पारदर्शिता के नाम पर 50 हजार रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन जब शिकायतकर्ताओं ने चुनाव के अगले दिन मतदान की सीडी मांगी तो उन्हें सीडी नहीं दी गई। ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए इस मुद्दे पर साधारण सभा बुलवाने का निर्णय लिया गया था। संघ के सचिव कपिल बिरथरे ने समिति गठित किए जाने के निर्णय की पुष्टि की है। हालांकि अध्यक्ष का कहना है कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया।संघ के सदस्य दिनेश हार्डिया, जयदीपसिंह गौड़ और अन्य ने इंदौर अभिभाषक संघ को एक ज्ञापन देकर आरोप लगाया था कि इंदौर अभिभाषक संघ के वार्षिक चुनाव में अपात्र मतदाताओं द्वारा मतदान किया गया है। इससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुआ है। दावा था कि पारदर्शिता रखते हुए मतदान और मतगणना की रिकॉर्डिंग की जाएगी। इसकी सीडी सदस्यों द्वारा मांगने पर उन्हें उपलब्ध करवाई जाएगी।इधर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि साधारण सभा को इस तरह से समिति गठित करने का अधिकार नहीं है। सदस्यों को आपत्ति थी तो चुनाव के इतने दिन बाद क्यों दर्ज कराई है। सदस्यों को शिकायत थी तो हाई कोर्ट में याचिका दायर करते या राज्य अधिवक्ता को शिकायत करते