सिंगरौली(ईन्यूज एमपी)- मध्यप्रदेश की ऊर्जाधानी सिंगरौली में 100 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम को बचाया नहीं जा सका। 6.30 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उसे बोरवेल से निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बैढ़न सीएमएचओ डॉ. निखिल जैन ने बच्ची की मौत की पुष्टि की। बरगवां थाना क्षेत्र के कसर गांव में रहने वाली सौम्या सोमवार करीब 4 बजे बोरवेल में गिर गई थी। वह अपने पिता पिंटू साहू के साथ खेत गई थी। पिता काम में व्यस्त हो गए। तभी खेलने के दौरान ये हादसा हो गया था। बच्ची के बोरवेल में गिरने के बाद पिता ने पुलिस को जानकारी दी थी। मौके पर पहुंची जिला प्रशासन और एसडीईआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। टीम ने तीन जेसीबी मशीनों की मदद से बोरवेल के पैरेलल खुदाई की। मौके पर जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला और एसपी निवेदिता गुप्ता भी मौजूद रहीं। इस घटना पर थाना प्रभारी प्रभारी शिवपूजन मिश्रा का कहना है कि कसर गांव में करीब साढ़े 4 बजे ढाई वर्ष की बच्ची सौम्या साहू पिता पिंटू साहू के बोरवेल में गिरने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचने पर बताया गया कि बच्ची घर के पीछे खेत में खेल रही थी। बोरवेल के पास पहुंचने पर बारिश से गीली हो चुकी मिट्टी धसक गई। इससे फिसल कर सौम्या बोरवेल में गिर गई। सौम्या के साथ खेल रहे बच्चों ने भाग कर घर वालों को जानकारी दी। इस घटना की जानकारी लगते ही सौम्या के घर वाले सकते में थे। आज ही मासूम सौम्या का जन्मदिन भी थे। पूरा परिवार बच्ची की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा था, लेकिन जब मौत ही किस्मत में थी शायद इसीलिए काफी प्रयासों के बाद भी सौम्या को नहीं बचाया जा सका। रीवा में मयंक 45 घंटे में हार गया था जिंदगी 12 अप्रैल शुक्रवार के दिन 6 साल का मयंक दोपहर 3:30 से 4 बजे के बीच बोरवेल में गिर गया था। जिसको 45 घंटे की मशक्कत के बाद निकाल तो लिया गया था, लेकिन वह बच नहीं पाया था। बोरवेल में बच्चों के गिरने की कई घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन लोग अपनी लापरवाही दिखाते हुए बोरवेल को खुला छोड़ देते हैं।